Bihar Elections 2025: डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी का बयान, “लोकतंत्र का पर्व है, NDA विकास कार्यों के आधार पर उतरेगा मैदान में”

Chandan Das
Samrat

Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों की घोषणा होते ही राज्य की राजनीति में नई ऊर्जा का संचार हो गया है। चुनाव आयोग द्वारा तारीखों के ऐलान पर बिहार के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सम्राट चौधरी ने इसे “लोकतंत्र का पर्व” करार देते हुए एनडीए की पूरी तैयारी की बात कही है।

“हम लोकतंत्र के पर्व का स्वागत करते हैं”

डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा “बिहार विधानसभा चुनाव लोकतंत्र का एक महान उत्सव है, और हम इसका पूरी गर्मजोशी से स्वागत करते हैं। बिहार की जनता अब जागरूक है, वह काम और विकास के आधार पर वोट देती है।” उन्होंने कहा कि एनडीए पूरी तरह से चुनाव के लिए तैयार है और जनता के बीच विकास कार्यों की मजबूत विरासत लेकर जाएगी।

“काम के आधार पर मांगेंगे वोट”

सम्राट चौधरी ने कहा कि एनडीए सरकार ने पिछले पांच वर्षों में बिहार में कई ऐतिहासिक कार्य किए हैं, जिनमें इंफ्रास्ट्रक्चर, बिजली, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में बड़े बदलाव शामिल हैं।उन्होंने कहा “हमारे पास विकास की ठोस उपलब्धियां हैं। हम किसी भावनात्मक मुद्दे पर नहीं, बल्कि अपने काम के आधार पर जनता से समर्थन मांगेंगे। जनता को तय करना है कि उन्हें काम चाहिए या केवल वादों की राजनीति।”

“NDA पूरी तरह से तैयार”

डिप्टी सीएम ने भरोसे के साथ कहा कि एनडीए की संगठनात्मक तैयारी मजबूत है, और पार्टी के सभी कार्यकर्ता बूथ स्तर तक एक्टिव हैं। उन्होंने बताया कि चुनाव की घोषणा के साथ ही अब चुनावी रणनीति को ज़मीन पर उतारने का काम तेज़ कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार ने बहुआयामी प्रगति की है और जनता इस विकास यात्रा को आगे बढ़ाने के लिए फिर से एनडीए को मौका देगी।

विपक्ष पर तंज

बिना किसी का नाम लिए सम्राट चौधरी ने विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कुछ पार्टियां “वोट बैंक और जातिगत समीकरणों” के भरोसे चुनाव लड़ना चाहती हैं, लेकिन अब जनता सिर्फ विकास और स्थिर सरकार को ही प्राथमिकता दे रही है।

बिहार में चुनावी बिगुल बज चुका है और सभी दल मैदान में उतरने को तैयार हैं। सम्राट चौधरी का यह बयान यह दर्शाता है कि एनडीए सरकार अपनी विकास नीतियों और सुशासन के दम पर जनता के बीच जाएगी।अब देखना दिलचस्प होगा कि जनता किसके वादों और कार्यों पर भरोसा जताती है विकास के नाम पर वोट मांगी जा रही है या बदलाव के नाम पर?

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