Bihar NDA: बिहार में राजनीतिक चर्चा तेज है। कांग्रेस के बिहार चुनाव पर्यवेक्षक अशोक गहलोत ने शुक्रवार को एक बार फिर नीतीश कुमार की राजनीतिक स्थिति पर सवाल उठाया। गहलोत ने पूछा कि क्या नीतीश कुमार अब बिहार की राजनीति में सिर्फ ‘साया पुरुष’ बनकर रह गए हैं और क्या वे अब खुद बोलने की स्थिति में भी नहीं हैं।
दरअसल, NDA के मैनिफेस्टो का विमोचन शुक्रवार को हुआ, जो पहले चरण के मतदान से सिर्फ एक सप्ताह पहले था। इस मौके पर नीतीश कुमार, जेपी नड्डा और चिराग पासवान मौजूद थे। लेकिन हैरानी की बात यह रही कि बीजेपी के नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मैनिफेस्टो के बारे में कुछ भी विस्तार से नहीं बताया और किसी भी पत्रकार के सवाल का जवाब नहीं दिया गया।
गहलोत ने कसा तंज
गहलोत ने इस पर तीखा प्रहार करते हुए कहा, “मैनिफेस्टो विमोचन की प्रेस कॉन्फ्रेंस सिर्फ 26 सेकंड की रही। मेरे मीडिया मित्रों ने कहा कि उन्होंने पहली बार मैनिफेस्टो विमोचन के मौके पर इतनी छोटी प्रेस कॉन्फ्रेंस देखी है।”उन्होंने आगे कहा, “NDA को प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत बीते 20 सालों की रिपोर्ट कार्ड से करनी चाहिए थी। लेकिन NDA लोकतंत्र में विश्वास नहीं रखती। उन्होंने पत्रकारों के सवालों के जवाब नहीं दिए। ऐसा लगता है कि वे खुद रिपोर्ट कार्ड देने की स्थिति में भी नहीं हैं।” गहलोत ने नीतीश कुमार की ओर इशारा करते हुए पूछा, “आपने पत्रकारों के सवाल क्यों नहीं लिए? क्या नीतीश कुमार खुद बोलने की स्थिति में भी नहीं हैं?”
बिहार में यह कयास लंबे समय से लगाए जा रहे हैं कि नीतीश कुमार अपनी बीमारी और उम्र के कारण कई फैसले खुद नहीं ले पा रहे हैं। खासकर उम्मीदवार तय करने और सरकार के कामकाज में उनके करीबी सहयोगी या अधिकारी अंतिम फैसला लेते हैं। सरकार का कार्य भी अक्सर ब्यूरोक्रेट्स पर निर्भर रहकर किया जा रहा है। वहीं, तेजस्वी यादव ने कहा है कि अगर NDA जीत भी जाती है, तो बीजेपी नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री नहीं बनाएगी। अशोक गहलोत ने इस कयास को खारिज करते हुए कहा कि यह बिहार की जनता को भ्रमित करने का प्रयास है और उन्होंने नीतीश कुमार का समर्थन जताया।
मैनिफेस्टो सिर्फ औपचारिकता
इस बीच, राजनीतिक विश्लेषक बता रहे हैं कि NDA की रणनीति में मैनिफेस्टो को सिर्फ औपचारिकता के तौर पर पेश करना और प्रेस कॉन्फ्रेंस को संक्षिप्त रखना, नीतीश कुमार की भूमिका पर उठ रहे सवालों को और हवा दे रहा है।बिहार में चुनाव के मद्देनजर NDA के मैनिफेस्टो का 26 सेकंड में विमोचन और पत्रकारों के सवालों से बचना कांग्रेस के निशाने पर आया है। अशोक गहलोत ने सीधे सवाल किया कि क्या नीतीश कुमार अब बोलने और फैसले लेने की स्थिति में हैं। बिहार की राजनीतिक हलचल के बीच यह मुद्दा आगामी चुनाव में चर्चा का केंद्र बने रहने की संभावना है।
