Bihar News: AIMIM का सीमांचल में सेंधमारी का प्लान, महागठबंधन से की सीट डिमांड

Aanchal Singh
Bihar News
Bihar News

Bihar News:  AIMIM के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सक्रिय होने जा रहे हैं। इस कड़ी में उन्होंने महागठबंधन से बातचीत के लिए लालू यादव के घर का दौरा किया। इस हफ्ते ओवैसी लावलश्कर के साथ लालू यादव और तेजस्वी यादव से मिले और सिर्फ छह सीट देने की डिमांड रखी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि महागठबंधन सत्ता में आया तो वह किसी मंत्री पद की डिमांड नहीं करेंगे।

Read More: Bihar Politics : ‘मैट्रिक फेल फिर डॉक्टरेट की डिग्री कैसे मिली?’ प्रशांत किशोर का सम्राट चौधरी पर बड़ा हमला

राजद और AIMIM के बीच मतभेद

हालांकि, राजद ओवैसी के साथ चुनाव लड़ने के पक्ष में नहीं है। ओवैसी ने दावा किया कि तीन बार गठबंधन की कोशिश की गई, लेकिन किसी तरह का रिस्पॉन्स नहीं मिला। इस स्थिति ने राजनीतिक हलकों में चर्चा बढ़ा दी है कि क्या राजद AIMIM को सीमांचल में शामिल करने को लेकर सतर्क है।

2020 में AIMIM का प्रदर्शन

2020 में AIMIM ने बिहार विधानसभा चुनाव में पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी। पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगंज जैसे संवेदनशील जिले जिनमें मुस्लिम आबादी 38% से 70% तक है, वहां AIMIM ने जोरदार पकड़ बनाई थी। हालांकि बाद में चार विधायक RJD में लौट गए। RJD का मानना है कि मुस्लिम-यादव वोट बैंक ही NDA को रोकने के लिए पर्याप्त है।

राजद की आशंकाएं

राजनीतिक विश्लेषक बताते हैं कि RJD के दो तरह के डर हैं। पहला, सीमांचल में AIMIM को सीट देने से वह दरभंगा, मधुबनी जैसे अन्य मुस्लिम बहुल इलाकों में भी प्रभाव बढ़ा सकती है। दूसरा, AIMIM का शामिल होना बीजेपी को चुनावी खेल में फायदा पहुंचा सकता है।

NDA को फायदा और महागठबंधन की सीमित पकड़

विश्लेषकों का दावा है कि 2020 में NDA ने सीमांचल की 24 में से 12 सीटें जीती थीं, जबकि महागठबंधन केवल सात सीटों पर सिमट गया और AIMIM ने पांच सीटें हासिल कीं। 2015 में जब JDU विपक्षी गठबंधन में थी, तब यही पांच सीटें महागठबंधन के खाते में गई थीं। यह साफ संकेत है कि यदि AIMIM बाहर रही तो वोट बंटने से NDA को फायदा मिलेगा।

तेजस्वी यादव की रणनीति

राजद नेता तेजस्वी यादव अभी AIMIM को शामिल करने को लेकर जोखिम लेने के मूड में नहीं दिख रहे। वे सीमांचल में सीटें खोने का खतरा उठा सकते हैं, लेकिन पूरे बिहार को ‘हिंदू बनाम मुसलमान’ चुनाव बनने का जोखिम नहीं लेना चाहते। यह रणनीति यह संकेत देती है कि RJD सीमांचल में राजनीतिक संतुलन बनाए रखने के लिए सतर्क है।

सीट बंटवारे और रणनीतिक फैसलों पर नजर

AIMIM की महागठबंधन में संभावित एंट्री ने बिहार चुनाव में राजनीतिक समीकरणों को चुनौती दे दी है। RJD की सतर्कता और सीमांचल की संवेदनशीलता इस गठबंधन के भविष्य और वोट बैंक पर बड़ा असर डाल सकती है।

Read More: Lalu Yadav Family Dispute: लालू परिवार में अंदरूनी कलह का नया संकेत! रोहिणी आचार्य ने क्यों किया X अकाउंट प्राइवेट?

Share This Article

अपना शहर चुनें

Exit mobile version