Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सीएम नीतीश कुमार ने मंगलवार को सोशल मीडिया के जरिए छात्रों को बड़ी खुशखबरी दी है. उन्होंने बताया कि अब 12वीं पास विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए दिए जाने वाले एजुकेशन लोन पूरी तरह से ब्याज मुक्त होंगे. इससे पहले इस योजना में सामान्य आवेदकों के लिए 4 प्रतिशत और महिला, दिव्यांग एवं ट्रांसजेंडर छात्रों के लिए 1 प्रतिशत ब्याज दर लागू थी.
लोन चुकाने की अवधि में विस्तार
नीतीश कुमार ने बताया कि लोन चुकाने की अवधि भी बढ़ा दी गई है. 2 लाख रुपये तक के एजुकेशन लोन की EMI अवधि पहले 60 महीने (5 साल) थी, जिसे अब बढ़ाकर 84 महीने (7 साल) कर दिया गया है. वहीं, 2 लाख रुपये से ऊपर के लोन की EMI अवधि पहले 7 साल थी, जिसे अब अधिकतम 120 महीने (10 साल) कर दिया गया है. इसका उद्देश्य छात्रों पर आर्थिक बोझ कम करना और उन्हें उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करना है.
छात्रों का मनोबल और उच्च शिक्षा में वृद्धि
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के अधिक से अधिक छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा तक पहुंचाना सरकार का प्रमुख उद्देश्य है। ब्याज मुक्त एजुकेशन लोन छात्रों का मनोबल बढ़ाएगा और उन्हें उच्च शिक्षा में उत्साह और लगन के साथ पढ़ाई करने का अवसर देगा। इसके माध्यम से वे न केवल अपने भविष्य को सुरक्षित करेंगे, बल्कि राज्य और देश के विकास में भी योगदान देंगे।
चुनावी परिप्रेक्ष्य में ऐलान
नीतीश कुमार की इस घोषणा को चुनावी रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। बिहार में अगले महीने विधानसभा चुनाव की संभावित घोषणा के बीच यह फैसला राज्य में छात्रों और उनके परिवारों में उत्साह पैदा कर सकता है। इससे पहले भी सरकार ने कई लोकलुभावन फैसले किए हैं, जिनमें 125 यूनिट मुफ्त बिजली, महिलाओं को रोजगार के लिए 10 हजार रुपये की सहायता, और अन्य कई योजनाएं शामिल हैं।
नीतीश सरकार की ‘सात निश्चय योजना’ और स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड
मुख्यमंत्री ने बताया कि बिहार में 12वीं पास छात्रों के लिए 2 अक्टूबर 2016 से स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना लागू है। इस योजना के तहत अधिकतम 4 लाख रुपये तक का शिक्षा ऋण सामान्य छात्रों को 4 प्रतिशत ब्याज दर पर तथा विशेष श्रेणी के छात्रों को 1 प्रतिशत ब्याज दर पर दिया जाता था। अब यह योजना सभी छात्रों के लिए ब्याज मुक्त हो गई है।
ब्याज मुक्त एजुकेशन लोन से छात्रों को आर्थिक बोझ से राहत मिलेगी और वे उच्च शिक्षा के लिए बेहतर अवसर प्राप्त कर पाएंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे राज्य में शिक्षा के स्तर में सुधार होगा और युवा वर्ग में रोजगार तथा उद्यमिता के अवसर बढ़ेंगे।
