Bihar Politics: हैदराबाद से सांसद और AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार में नीतीश कुमार की सरकार को समर्थन देने का ऐलान किया है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि उनका समर्थन सीमांचल क्षेत्र के विकास और उसके अधिकारों की प्राप्ति की शर्त पर आधारित है। आमौर में आयोजित जनसभा में ओवैसी ने कहा कि सीमांचल दशकों से उपेक्षा का शिकार रहा है और अब उसकी सुध ली जानी चाहिए।
Bihar Politics: सीमांचल को न्याय और विकास की मांग
ओवैसी ने कहा कि बिहार में विकास सिर्फ पटना और राजगीर तक सीमित नहीं रहना चाहिए। सीमांचल के लोग पलायन, भ्रष्टाचार और अन्य बुनियादी समस्याओं से जूझ रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनके विधायक इस क्षेत्र में विकास सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम करेंगे और स्थानीय लोगों की समस्याओं का समाधान करेंगे।
Bihar Politics: विधायकों पर निगरानी और जवाबदेही
असदुद्दीन ओवैसी ने यह भी स्पष्ट किया कि वे अपने चुने हुए विधायकों के कामों पर पूरी नजर रखेंगे। उनके अनुसार, पांचों विधायक हफ्ते में दो दिन अपने कार्यालय में जनता से मिलेंगे और अपनी लाइव लोकेशन भी ओवैसी के साथ साझा करेंगे। इसके अलावा, वे हर छह महीने में सीमांचल के दौरे करेंगे ताकि स्थानीय समस्याओं की वास्तविक स्थिति का निरीक्षण किया जा सके।
पिछली बार के अनुभव और चुनौतियाँ
वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में भी AIMIM ने सीमांचल के पांच सीटों पर जीत हासिल की थी। हालांकि, उस वक्त चार विधायक आरजेडी में शामिल हो गए थे। इस बार चुनाव परिणामों ने यह तय कर दिया है कि सीमांचल के लोग AIMIM पर भरोसा रखते हैं और उनकी पार्टी का क्षेत्र में आधार मजबूत हुआ है।
सीमांचल की पांच सीटों पर AIMIM का दबदबा
इस बार के चुनाव में AIMIM ने सीमांचल के पांच सीटों पर अपने उम्मीदवारों को जीताया। यह इलाके विशेष रूप से मुस्लिम आबादी से घिरे हुए हैं और कोसी नदी के किनारे स्थित हैं। कोसी की बाढ़ इन क्षेत्रों को बार-बार प्रभावित करती रही है। ग्रामीण आबादी के बीच AIMIM का आधार मजबूत होने से यह क्षेत्र पार्टी के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रहा है।
बिहार विधानसभा चुनाव में हालिया परिणाम
इस बार के बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने प्रचंड बहुमत के साथ जीत हासिल की है। महागठबंधन को अपेक्षित सफलता नहीं मिली और उसे बहुत कम सीटों पर जीत हासिल हुई। नीतीश कुमार ने 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। AIMIM के पांच विधायकों के साथ, सीमांचल क्षेत्र में पार्टी की मौजूदगी बढ़ी है और उनका स्थानीय विकास पर प्रभाव भी मजबूत हुआ है।
ओवैसी की रणनीति और भविष्य की योजनाएँ
ओवैसी ने यह भी संकेत दिया है कि AIMIM सीमांचल के विकास और जनता के अधिकारों के लिए लगातार सक्रिय रहेगा। उनके विधायकों की जवाबदेही और क्षेत्र में नियमित दौरे पार्टी की योजना का हिस्सा हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि AIMIM केवल राजनीतिक शक्ति तक सीमित नहीं रहना चाहता, बल्कि क्षेत्रीय विकास और जनता के अधिकारों के लिए भी काम करना चाहता है।
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