Devendra Fadnavis: बिहार विधानसभा चुनाव में पहली बार किस्मत आजमाने उतरी प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी को चुनाव नतीजे सामने आने के बाद बड़ी फजीहत झेलनी पड़ी जहां चुनाव में उनके कई उम्मीदवारों की जमानत तक जब्त होने की नौबत आ गई।इस बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पीके को उनकी करारी हार के बाद सलाह देने की कोशिश की है।फडणवीस ने कहा कि,राजनीति में हमेशा से विचारधारा से ज्यादा संख्या को महत्व दिया जाता है।
हार के बाद फडणवीस की पीके को सलाह
देवेंद्र फडणवीस ने पीके को अपने निशाने पर लेते हुए कहा कि,लोकतंत्र को चलाने के दो ही तरीके हैं विचारधारा और नंबर लेकिन आप बिना नंबर के विचारधारा को आगे नहीं बढ़ा सकते हैं ।फडणवीस ने आगे कहा कि,प्रशांत किशोर ने चुनाव के दौरान विचारधारा की खूब बातें की लेकिन चुनाव नतीजों में इनको एक सीट नहीं हासिल हुई।पीके को सलाह देते हुए देवेंद्र फडणवीस ने कहा,आपको राजनीति में व्यावहारिक होना होगा,प्रासंगिक होना भी अहम है लेकिन इसके लिए आपके पास नंबर होना चाहिए।
238 सीटों पर जनसुराज ने लड़ा था चुनाव

आपको बता दें कि,बिहार विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी ने 243 सीटों में से 238 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ा था।238 सीटों पर लड़ी प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज चुनाव नतीजे सामने आने के बाद 129 सीटों पर तीसरे पर रही थी एक सीट पर जनसुराज का उम्मीदवार दूसरे नंबर पर रहा वहीं 73 सीटें ऐसी भी रहीं जहां जन सुराज के उम्मीदवार चौथे नंबर पर रहे थे जबकि 24 सीटें ऐसी थी जहां जनसुराज के उम्मीदवार 5वें नंबर पर रहे थे।
Maharashtra की सियासत में फिर होगा उलटफेर! Devendra Fadnavis के लिए अचानक बदले विरोधियों के स्वर
गठबंधन की राजनीति पर खुलकर रखे विचार
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस दौरान गठबंधन की राजनीति पर चर्चा की और कहा कि,हमारी विचारधारा भले ही मेल नहीं खाती हो लेकिन हम एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत काम कर सकते हैं।उन्होंने 1990 के दशक का जिक्र करते हुए कहा,तब देश को 6 अलग-अलग पीएम बने थे।देवेंद्र फडणवीस वर्तमान में शिवसेना के एकनाथ शिंदे और एनसीपी के अजित पवार के साथ मिलकर सरकार चला रहे हैं इससे पहले करीब वह दो साल तक एकनाथ शिंदे सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे थे।
मुंबई निकाय चुनाव पर दलों की नजर
साल 2014 से 2019 तक देवेंद्र फडणवीस गठबंधन सरकार के पूरे 5 साल तक मुख्यमंत्री रह चुके हैं उनके पास गठबंधन सरकार चलाने का अच्छा अनुभव है।ऐसे समय जब मुंबई में निकाय चुनाव होने हैं तो चर्चा तेज है कि,क्या बीजेपी इन चुनाव में शिवसेना के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ेगी या फिर दोनों पार्टी अलग-अलग चुनाव लड़ेंगी।
Devendra Fadnavis ने दिया बड़ा बयान, Maharashtra में फिर से बिखरेगा सत्ता का खेल?
