Bihar Politics: राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव अब पूरी तरह से चुनावी मोड में आ चुके हैं. पार्टी से निष्कासन के बावजूद उन्होंने बिहार चुनाव के लिए अपनी रणनीति तैयार कर ली है, जबकि राजद और महागठबंधन में फिलहाल चुनाव को लेकर कोई खास हलचल नहीं दिख रही है. ऐसे में यह स्पष्ट है कि तेजप्रताप संगठन से इतर एक कदम आगे बढ़ चुके हैं.
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तीसरे मोर्चे की तैयारी में तेजप्रताप
तेजप्रताप यादव ने हाल ही में बिहार की पांच छोटी लेकिन क्षेत्रीय प्रभाव वाली पार्टियों के साथ गठबंधन किया है. इसमें वंचित इंसान पार्टी (वीवीआईपी), भोजपुरिया जन मोर्चा (बीजेएम), प्रगतिशील जनता पार्टी (पीजेपी), वाजिब अधिकार पार्टी (डब्ल्यूएपी) और संयुक्त किसान विकास पार्टी (एसकेवीपी) शामिल हैं. इस गठबंधन को सामाजिक न्याय और अधिकार आधारित बताया जा रहा है.
महुआ से लड़ेंगे चुनाव, तेजस्वी की सीटों पर देंगे टक्कर
तेजप्रताप यादव ने एलान किया है कि वे आगामी विधानसभा चुनाव में महुआ सीट से मैदान में उतरेंगे. 2020 में उन्होंने हसनपुर से जीत हासिल की थी. इस बार वे महुआ को अपना नया चुनाव क्षेत्र बना रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने राजद की कई महत्वपूर्ण सीटों पर भी अपने सहयोगियों को निर्दलीय उतारने की घोषणा कर दी है, जिससे पार्टी के लिए चुनौतियाँ और बढ़ गई हैं.
तेजप्रताप का साफ संदेश
गठबंधन की घोषणा के दौरान तेजप्रताप यादव ने कहा, “लोग मेरा मजाक उड़ा सकते हैं, लेकिन मैं अपना रास्ता खुद बनाऊंगा.” उन्होंने कहा कि उनका गठबंधन राम मनोहर लोहिया, कर्पूरी ठाकुर और जयप्रकाश नारायण के विचारों को आगे बढ़ाएगा और बिहार में सम्पूर्ण परिवर्तन की दिशा में काम करेगा.
तेजप्रताप यादव का बगावती रुख
25 मई को तेजप्रताप यादव को उनके पिता लालू प्रसाद यादव ने राजद से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था. इसका कारण सोशल मीडिया पर उनकी एक पोस्ट थी, जिसमें उन्होंने अनुष्का यादव नाम की महिला के साथ अपने संबंधों का खुलासा किया था.इसके बाद उन्हें घर से भी बाहर कर दिया गया था. अब तेजप्रताप खुलकर बगावती रुख अपना चुके हैं.
राजद के गढ़ में सेंध: शाहपुर सीट पर प्रत्याशी उतारने का एलान
भोजपुर जिले की शाहपुर सीट, जिसे राजद का मजबूत गढ़ माना जाता है, वहां से तेजप्रताप ने अपने उम्मीदवार को मैदान में उतारने का एलान किया है. यह सीट वर्तमान में राजद नेता शिवानंद तिवारी के बेटे राहुल तिवारी के पास है. तेजप्रताप ने ‘तेजप्रताप यादव टीम’ नाम से एक नया प्लेटफॉर्म भी शुरू किया है, जो उनके चुनावी अभियान का केंद्र बनेगा.
तेजप्रताप की बगावत से राजद के लिए नई चुनौती
तेजप्रताप यादव की राजनीतिक गतिविधियां और उनका बागी रुख राजद के लिए गंभीर चुनौती बनता जा रहा है. पार्टी से बाहर होने के बावजूद वे लगातार संगठन को चुनावी रूप से नुकसान पहुंचाने की स्थिति में हैं. उनके गठबंधन और रणनीति से आने वाले चुनावों में नया समीकरण बनता दिख रहा है.
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