Bihar Politics: बिहार में नई सरकार बने अभी मात्र एक महीना ही हुआ है, लेकिन सत्ता समीकरणों को लेकर राजनीतिक बयानबाज़ी तेज होती जा रही है। RJD और JDU नेताओं के बीच आरोप–प्रत्यारोप का दौर बढ़ गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राजनीतिक स्थिरता, उनकी रणनीति और भाजपा के साथ उनके संबंधों पर कई सवाल उठाए जा रहे हैं। विपक्ष लगातार दावा कर रहा है कि मौजूदा गठबंधन टिकाऊ नहीं है, वहीं सत्ता पक्ष इसे बेबुनियाद बता रहा है।
Bihar Politics: RJD का दावा-नीतीश फिर लौट सकते हैं महागठबंधन में
RJD के प्रधान महासचिव और विधायक रणवीजय साहू ने ताज़ा बयान में बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार एक बार फिर RJD की ओर लौट सकते हैं। साहू ने तंज कसते हुए कहा कि “जब भी नीतीश कहते हैं कि वे RJD में नहीं जाएंगे, हालात ऐसे बनते हैं कि उन्हें वापस आना ही पड़ता है।”उन्होंने आरोप लगाया कि गृह विभाग, विधानसभा अध्यक्ष का पद और दोनों उपमुख्यमंत्री पद भाजपा के पास होने से नीतीश कुमार असहज और दबाव में हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि बीजेपी महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की तरह बिहार में भी मुख्यमंत्री बदलने की रणनीति अपना सकती है।
Bihar Politics: RJD के आरोप-नीतीश दबाव में बीजेपी कर रही कंट्रोल
रणवीजय साहू के मुताबिक सरकार में महत्वपूर्ण विभाग BJP के पास होने के कारण नीतीश कुमार की भूमिका सीमित हो गई है। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी सत्ता पर पूरी पकड़ बनाने की कोशिश कर रही है। RJD नेताओं का कहना है कि भाजपा अपने राजनीतिक एजेंडे के तहत नीतीश को सिर्फ “चेहरा” बनाकर रखना चाहती है, जबकि असली फैसले उसके शीर्ष नेतृत्व द्वारा लिए जा रहे हैं।उनके बयान ने बिहार की सियासत में एक बार फिर नए कयासों को जन्म दे दिया है।
JDU का पलटवार-राजद की घबराहट बोल रही है
दूसरी ओर JDU ने RJD के दावे को सिरे से खारिज कर दिया है। JDU विधायक मंजीत सिंह ने कहा कि RJD को जनता ने नकार दिया है, इसलिए पार्टी बेचैनी में ऐसे बयान दे रही है। उन्होंने साफ कहा कि NDA गठबंधन पूरी तरह मजबूत है और इसमें किसी तरह की टूट-फूट की संभावना नहीं है।मंजीत सिंह ने यह भी दावा किया कि “नीतीश कुमार पूरे 5 साल मुख्यमंत्री बने रहेंगे और बिहार में NDA की सरकार स्थिरता के साथ चलेगी।” JDU का यह बयान संकेत देता है कि पार्टी RJD को राजनीतिक तौर पर ‘डैमेज कंट्रोल मोड’ में मान रही है।
सदन में भी छिड़ी जुबानी जंग
सदन में भी इस मुद्दे को लेकर तीखी बहस देखने को मिली। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने RJD पर सीधा निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उन्होंने बीच-बीच में RJD को साथ रखा, लेकिन जब “गड़बड़ियां शुरू हुईं”, तब गठबंधन तोड़ना पड़ा। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वह अब कभी RJD के साथ नहीं जाएंगे। नीतीश के इस बयान के कई राजनीतिक अर्थ निकाले जा रहे हैं। एक ओर RJD इसे नीतीश की मजबूरी और उनके असंतोष का संकेत बता रहा है, वहीं JDU इसे स्थिर और मजबूत सरकार की गारंटी के रूप में पेश कर रहा है।
आने वाले दिनों में बढ़ सकती है राजनीतिक उथल-पुथल
बिहार की राजनीति में ये बयानबाज़ी आने वाले समय में बड़े राजनीतिक फेरबदल का संकेत दे रही है। RJD जहां बदलाव की उम्मीद दिखा रहा है, वहीं JDU और BJP गठबंधन की मजबूती पर जोर दे रहे हैं। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि अभी भले ही सबकुछ स्थिर दिख रहा हो, लेकिन बिहार की सियासत में अगले कुछ महीनों में कई नए मोड़ देखने को मिल सकते हैं।
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