Bihar Politics: राजद नेता तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार और केंद्र सरकार से बजट को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ उनकी पार्टी का मुद्दा नहीं, बल्कि बिहार की जनता का भी सवाल है। तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से मांग की है कि वे स्पष्ट रूप से बताएं कि बजट में किए गए 7 लाख करोड़ रुपये से अधिक के वादों को वे कैसे पूरा करेंगे।
बजट के 7 लाख करोड़ रुपये से अधिक के वादे, कैसे होंगे संभव?
तेजस्वी यादव ने कहा, “हम जानना चाहते हैं कि सरकार का राजस्व सृजन कितना है और यदि भविष्य में अतिरिक्त राजस्व की जरूरत पड़ी तो वह इसे कैसे पूरा करेगी। ये बहुत ही सरल और बुनियादी सवाल हैं।” उनका यह सवाल बिहार के विकास और वित्तीय स्थिरता से जुड़ा हुआ है।उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कई दावे किए थे, लेकिन क्या वास्तव में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई है? यह सवाल उन्होंने बिहार में पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर उठाया है।
बजट और विकास की चिंताएं
तेजस्वी यादव ने कहा कि बजट में किए गए घोषणाओं को पूरा करना सिर्फ एक चुनौती ही नहीं बल्कि जिम्मेदारी भी है। बिहार की जनता को यह जानने का अधिकार है कि सरकार कैसे आर्थिक रूप से इतनी बड़ी योजनाओं को क्रियान्वित करेगी। उन्होंने कहा कि बजट के वादों के साथ-साथ उनकी कार्ययोजना, वित्तीय प्रबंधन और राजस्व सृजन पर भी फोकस होना चाहिए।
भ्रष्टाचार पर सवाल
तेजस्वी यादव ने भ्रष्टाचार को बिहार के विकास में सबसे बड़ा रोड़ा बताया। उन्होंने कहा, “सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कई वादे किए थे, लेकिन क्या कोई ठोस कार्रवाई हुई है? यदि नहीं, तो यह बात चिंता का विषय है।” उन्होंने प्रशासन से मांग की कि भ्रष्टाचार के मामलों में पारदर्शिता बरती जाए और दोषियों को सजा मिले।
तेजस्वी यादव का यह बयान बिहार की आर्थिक स्थिति और सरकार की जवाबदेही को लेकर सवाल खड़े करता है। बिहार के बजट पर यह चर्चा राज्य की विकास नीति, वित्तीय प्रबंधन और प्रशासनिक पारदर्शिता के लिए महत्वपूर्ण है। जनता और विपक्ष के दबाव में सरकार को बजट के वादों को पूरा करने के लिए ठोस और स्पष्ट रणनीति बनानी होगी।
