Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सियासी पारा तेजी से चढ़ता जा रहा है। सभी प्रमुख दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। इसी क्रम में वक्फ अधिनियम को लेकर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के हालिया बयान ने विवाद को और हवा दे दी है। तेजस्वी ने गांधी मैदान में एक रैली के दौरान कहा कि अगर बिहार में विपक्षी गठबंधन की सरकार बनी, तो केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लागू वक्फ अधिनियम को “कूड़ेदान में फेंक” दिया जाएगा।
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तेजस्वी यादव के बयान पर भाजपा का पलटवार
बताते चले कि, तेजस्वी यादव के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने तेजस्वी यादव को निशाने पर लेते हुए कहा कि देश को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की साजिश की जा रही है। उन्होंने तेजस्वी को “मौलाना तेजस्वी” करार देते हुए आरोप लगाया कि वे शरिया कानून लागू करना चाहते हैं और संविधान की मर्यादा को नहीं समझते।
“शरिया कानून लागू करना चाहते हैं तेजस्वी”
गौरव भाटिया ने आगे कहा, “इस देश को इस्लामिक मुल्क बनाने का प्रयास हो रहा है। ये शरिया कानून लागू करना चाहते हैं। मौलाना तेजस्वी यादव संविधान को जानते नहीं हैं। आरजेडी बिहार में अगले 50 साल तक सत्ता में नहीं आने वाली। हमारे लिए बाबा साहेब अंबेडकर पूजनीय हैं, लेकिन लालू यादव और तेजस्वी यादव सिर्फ सांप्रदायिक राजनीति करते हैं।”
भाजपा का कटाक्ष
भाजपा प्रवक्ता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र करते हुए कहा कि मोदी चुनाव प्रचार के लिए बिहार जरूर जाएंगे, लेकिन तेजस्वी यादव की राजनीति को देखते हुए उन्हें शरिया वाले पाकिस्तान जाना पड़ सकता है। गौरव भाटिया ने कहा कि तेजस्वी यादव जिन मंचों पर भाषण दे रहे हैं, वहां शरिया कानून लागू करने की बात हो रही थी। उन्होंने लालू-तेजस्वी की राजनीति को “जंगलराज” से जोड़ते हुए हमला बोला।
“नौवीं फेल तेजस्वी संविधान का सम्मान नहीं करते”
गौरव भाटिया ने तेजस्वी यादव की शैक्षणिक योग्यता पर भी हमला किया। उन्होंने कहा, “नौवीं फेल बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री भारत की संसद से पारित कानून को कूड़ेदान में फेंकने की बात कर रहे हैं। ऐसे लोग बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान का सम्मान नहीं करते। वे केवल वोटबैंक की राजनीति कर रहे हैं और देश को सांप्रदायिकता की आग में झोंकना चाहते हैं।”
बिहार में चुनावी माहौल पूरी तरह से गरम हो चुका है। वक्फ अधिनियम जैसे संवेदनशील मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाजी तेज होती जा रही है। जहां एक ओर तेजस्वी यादव भाजपा पर अल्पसंख्यक विरोधी होने का आरोप लगा रहे हैं, वहीं भाजपा तेजस्वी को देशविरोधी सोच का प्रतीक बता रही है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा बन सकता है।