Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के एक दिन बाद लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने शनिवार, 15 नवंबर को एक चौंकाने वाला बयान दिया। उन्होंने घोषणा की कि वे राजनीति छोड़ रही हैं और अपने परिवार से नाता तोड़ रही हैं। यह बयान ऐसे समय में आया जब आरजेडी चुनाव के बाद अपनी हार के गम से जूझ रही थी।इस घटना पर जेडीयू की ओर से प्रतिक्रिया सामने आई है। जेडीयू के नेता नीरज कुमार ने कहा कि जिस बेटी ने अपने पिता की जान बचाई थी, वही अब दर्द और आघात में कह रही हैं कि मैं राजनीति छोड़ रही हूं और परिवार से दूरी बना रही हूं। उन्होंने इस पर तीखा सवाल उठाते हुए कहा कि आरजेडी एक पारिवारिक पार्टी है और अब परिवार का कलह सार्वजनिक रूप से सामने आ गया है।
Bihar Politics: नीरज कुमार का तंज: लालू राजनीति के धृतराष्ट्र
नीरज कुमार ने लालू यादव और राबड़ी देवी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “लालू यादव राजनीति के धृतराष्ट्र बन गए हैं। सबकुछ जानते हुए भी खामोश क्यों हैं? आप घर के मुख्य न्यायाधीश हैं और यदि इस भूमिका को नहीं निभाएंगे तो यह भी अपराध की श्रेणी में आएगा। बेटी की कराह बहुत भारी पड़ती है, इसका अहसास आपको तो होता ही होगा।”नीरज कुमार ने यह भी कहा कि लालू परिवार और राजनीति के कुंभे में बिखराव को रोकने में विफल रहे हैं। उनका तंज था कि “आपके जुबान पर बात नहीं आ रही, लेकिन मन में दर्द है। आपकी राजनीति का कुनबा तो पहले ही बिखर गया है, अब परिवार का कुनबा भी बिखर जाएगा।”
Bihar Politics: सोशल मीडिया पर अपनी बात रखी
रोहिणी आचार्य ने इस निर्णय को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा किया। उन्होंने लिखा, “मैं राजनीति छोड़ रही हूं। अपने परिवार से नाता तोड़ रही हूं। संजय यादव और रमीज ने मुझसे यही करने को कहा था। मैं सारा दोष अपने ऊपर ले रही हूं।”रोहिणी ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय उन्होंने मजबूरी और दबाव में लिया है। उनके अनुसार आरजेडी नेता संजय यादव, जो तेजस्वी यादव के करीबी सलाहकार माने जाते हैं, और उनके सहयोगी रमीज सुल्तान ने उन्हें इस कदम के लिए प्रेरित किया। इस बयान से पार्टी और परिवार में मौजूद अंदरूनी कलह के संकेत मिलते हैं।
पार्टी और परिवार में उभरता विवाद
नीरज कुमार के बयान और रोहिणी के ट्वीट से यह साफ हो गया कि आरजेडी में पारिवारिक कलह गहराती जा रही है। पार्टी के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन सकती है, क्योंकि परिवारिक विवाद और नेताओं के बीच असंतोष पार्टी की छवि और संगठनात्मक मजबूती को प्रभावित कर सकते हैं।रोहिणी आचार्य के इस कदम के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि आरजेडी और लालू परिवार के सामने अब बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। जेडीयू ने इसे पार्टी और परिवार दोनों के लिए संज्ञानात्मक चेतावनी के रूप में देखा है।
नीरज कुमार ने लालू परिवार से अपील की कि वे इस स्थिति का समाधान ढूंढें और युवा पीढ़ी की उम्मीदों के अनुरूप कदम उठाएं।रोहिणी आचार्य का यह कदम केवल उनकी व्यक्तिगत जीवन की दिशा बदलने वाला नहीं है, बल्कि बिहार की राजनीति और आरजेडी के संगठनात्मक ढांचे पर भी असर डाल सकता है। उनके द्वारा परिवार और राजनीति से दूरी बनाने का निर्णय आगामी दिनों में पार्टी और परिवार के बीच संबंधों को जटिल और संवेदनशील बना सकता है।

