Bihar SIR: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नजदीक आने के साथ ही स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) का मुद्दा सुर्खियों में है.कई लोगों के नाम मतदाता सूची से बाहर होने का दावा सामने आया है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के मतदाताओं के लिए राहत का फैसला सुनाया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि आधार कार्ड को SIR प्रक्रिया में 12वें दस्तावेज के रूप में शामिल किया जा सकता है.
चुनाव आयोग की SIR प्रक्रिया और 11 दस्तावेजों की सूची
बताते चले कि, चुनाव आयोग ने SIR के तहत बिहार के नागरिकों से नागरिकता प्रमाण दिखाने की मांग की थी. इसके लिए आयोग ने 11 दस्तावेजों की सूची जारी की थी, जिनसे नागरिकता सिद्ध की जा सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने अब आधार कार्ड को इस सूची में शामिल करने की अनुमति दी है.
सुप्रीम कोर्ट का आदेश और आधार कार्ड की भूमिका
SIR पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार कार्ड को सूची में जगह दी जा सकती है, लेकिन इसे नागरिकता का प्रमाण नहीं माना जाएगा। इसलिए चुनाव आयोग को अधिकार रहेगा कि वह आधार कार्ड की प्रामाणिकता और वास्तविकता की जांच कर सके।
चुनाव आयोग द्वारा जारी 11 दस्तावेज
चुनाव आयोग की सूची में शामिल दस्तावेज इस प्रकार हैं:
- केंद्र, राज्य सरकार और सार्वजनिक उपक्रमों में कार्यरत कर्मचारियों के पहचान पत्र एवं पेंशन भुगतान आदेश
- 1 जुलाई 1987 के पूर्व सरकारी, स्थानीय प्राधिकरण, बैंक, पोस्ट ऑफिस, LIC एवं पब्लिक सेक्टर उपक्रमों द्वारा जारी आईकार्ड/दस्तावेज
- सक्षम प्राधिकरण से जारी जन्म प्रमाणपत्र
- पासपोर्ट
- मान्यता प्राप्त बोर्ड/विश्वविद्यालय से जारी मैट्रिक और अन्य शैक्षणिक प्रमाणपत्र
- स्थायी आवासीय प्रमाणपत्र
- वन अधिकार प्रमाणपत्र
- सक्षम प्राधिकरण द्वारा जारी ओबीसी/एससी/एसटी जाति प्रमाणपत्र
- राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (जहां उपलब्ध हो)
- राज्य/स्थानीय प्राधिकरण द्वारा तैयार पारिवारिक रजिस्टर
- सरकार की कोई भूमि/मकान आवंटन प्रमाणपत्र
सुप्रीम कोर्ट की पूर्व टिप्पणी
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आधार अधिनियम के तहत आधार कार्ड को नागरिकता प्रमाण के रूप में नहीं माना जा सकता। हालांकि, अब कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि अगर चुनाव आयोग के द्वारा सुझाए गए 11 दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं, तो आधार कार्ड का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन सत्यता की जांच चुनाव आयोग का अधिकार होगा।
मतदाताओं को मिली राहत
इस फैसले से बिहार के मतदाताओं को मतदाता सूची से बाहर होने का डर कम हुआ है। SIR प्रक्रिया में आधार कार्ड को शामिल करने से मतदाता पंजीकरण में सुविधा बढ़ेगी और चुनावी प्रक्रिया अधिक पारदर्शी बनेगी।
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