Bihar VidhanSabha: बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया। विपक्षी सदस्य काले कपड़े पहनकर सदन में पहुंचे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। वहीं, सत्तारूढ़ दलों के नेताओं ने भी विपक्ष के आरोपों और प्रदर्शन का सख्ती से जवाब दिया।बिहार विधानसभा में SIR पर विपक्ष के हंगामे के बीच सदन में 6 विधेयक पारित हुए। जिसमें जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय विधेयक 2025, बिहार कृषि विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2025, और बिहार प्लेटफॉर्म आधारित गिग कामगार (निबंधन, सामाजिक सुरक्षा और कल्याण) विधेयक 2025 सहित कुल छह महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित किया गया।

बिहार विधानसभा में विपक्ष का काले कपड़ों में प्रदर्शन
विपक्ष का आरोप है कि,चुनाव आयोग पुनर्निरीक्षण के नाम पर गरीब, दलित, पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के मताधिकार को समाप्त करने की साजिश कर रहा है।विपक्ष ने राज्य में बढ़ते अपराध, हत्या, लूट और बलात्कार की घटनाओं को लेकर सरकार को घेरते हुए कहा कि कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है।इस दौरान विपक्षी दलों के सदस्य,सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर बाहर चले गये थे।श्रम संसाधन मंत्री संतोष कुमार सिंह ने कहा कि,भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर के नाम पर बनने वाला विश्वविद्यालय राज्य में कौशल विकास और प्रबंधन संस्थानों का मानकीकरण करेगा।कौशल विकास के क्षेत्र में बाजार की आवश्यकताएं हैं और उसके अनुरुप प्रतिभाओं को विकसित करने का काम करेगा।
विपक्ष के हंगामे के बीच 6 विधेयक हुए पारित
इसके अलावा,सदन ने बिहार कृषि विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2025 को स्वीकृति प्रदान कर दी।उपमुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि कृषि संस्थानों में भर्तियों के लिए पारदर्शी,विवादमुक्त और विश्वसनीय व्यवस्था उपलब्ध कराएगा।वहीं,राज्य में पहली बार विभिन्न प्लेटफार्म और एग्रीगेटर के लिए कार्यरत गिग वर्कर यानी अंशकालिक कामगारों के लिए भी कानून बनाने का रास्ता साफ हो गया है श्रम संसाधन मंत्री संतोष कुमार सिंह ने बिहार प्लेटफार्म आधारित गिग कामगार (निबंधन, सामाजिक सुरक्षा और कल्याण) विधेयक 2025 पेश किया।उन्होंने कहा कि इस प्रकार के अंशकालिक कामागारों के लिए एक बोर्ड बनाकर निबंधन कराया जाएगा।इस विधेयक के कानून बनने से अंशकालिक कामगारों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ मिलेगा।

कारखाना (बिहार संशोधन) विधेयक पारित
इधर,सदन ने बिहार दुकान और प्रतिष्ठान (रोजगार विनियमन और सेवा शर्त) विधेयक 2025 को अनुमति प्रदान की।इससे यह कानून पूरे राज्य में लागू हो सकेगा।अब नये कानून में शून्य से लेकर नौ तक के कामगारों के लिए लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होगी।कानून बनने पर नियोक्ताओं को बैंक अकाउंट के माध्यम से कामगारों को भुगतान करना होगा।सदन ने कारखाना (बिहार संशोधन) विधेयक को पारित किया।इसके तहत नियोक्ता कामगारों की सहमति से काम करने की अवधि बढा सकते हैं लेकिन उन्हें ओवरटाइम का पैसा देना होगा।
Read More : Delhi:25-28 सितंबर को ‘वर्ल्ड फूड इंडिया 2025’ का होगा आयोजन,केंद्रीय मंत्री ने की तैयारियों की समीक्षा

