मोतिहारी संवाददाता- प्रमोद कुमार
अखिल भारतीय युवा कांग्रेस ने गांधी चौक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस के अवसर पर राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस के रूप में मनाया। गांधी चौक पर पकौड़े तल कर देशभर में बढ़ते बेरोजगारी का दिया संदेश।

मोतिहारी: पूर्वी चम्पारण मोतिहारी युवा कांग्रेस ने पीएम के जन्म दिन को राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस के रुप में मनाया।युवा कांग्रेस के नेताओं ने शहर के विभिन्न चौक चौराहों पर पकौड़ा बेचा और पीएम से दो करोड़ रोजगार देने के उनके चुनावी वादे की याद दिलायी।इस मौके पर युवा कांग्रेस के नेताओं के साथ जिला कांग्रेस और एनएसयूआई के छात्र नेता भी मौजूद रहे।अपने पार्टी नेताओं के साथ पकौड़ा बेच रहे युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष बिट्टू यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्म दिन 17 सितंबर को बेरोजगार दिवस के रुप में मनाने का निर्णय लिया है।
जन्मदिन पर विभिन्न विभिन्न चौक पर पकौड़ा बेचकर बेरोजगार दिवस मनाया…

सत्ता में आने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रत्येक वर्ष दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था।साथ हीं पीएम ने पकौड़ा बेचना और रिक्सा चलाने को भी रोजगार कहा था।इसीलिए उनके कथनानुसार उनके जन्मदिन पर विभिन्न विभिन्न चौक पर पकौड़ा बेचकर बेरोजगार दिवस के रुप में उनका जन्मदिन मना रहे हैं। युवा कांग्रेस के नेताओं ने मोतिहारी शहर के गांधी चौक से कार्यक्रम की शुरुआत की और मधुबन छावनी चौक,ज्ञानबाबू चौक और जानपुल चौक पर ठेला लगाकर पकौड़ा बेचा।
राज्य स्तरीय प्राकृतिक खेती सम्मेलन हुआ आयोजित, राज्यपाल ने किया शुभारंभ…
मोतिहारी: राज्य स्तरीय प्राकृतिक खेती सम्मेलन कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि श्री राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर, राज्यपाल, बिहार सरकार द्वारा द्वीप प्रज्वलित कर किया गया । राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि लोभ, अज्ञानता एवं अधिक उत्पादन के लालच में लोग रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों का अंधाधुंध उपयोग कर इस धरती माता को अनेक समस्याओं से ग्रसित कर दिया है। वर्तमान परिस्थिति में कृषि आदानों के अविवेकपूर्ण प्रयोग ने बहुत सारी समस्याओं को परिलक्षित किया है, जिसके फलस्वरूप पंचमहाभूत भूमि, जल, वायु, अग्नि एवं अंतरिक्ष सभी प्रभावित हुए है।
कृषि लागत को कम करने के लिए खेती की कम…

जिसका उदाहरण जलवायु परिवर्तन के रूप में दिखाई दे रहा है। पर्यावरण एवं प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण हेतु एक संतुलित एवं एकीकृत प्रयास की आवश्यकता है, इस दिशा में प्राकृतिक खेती का समायोजन एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।पदम् सुभाष पालेकर जी ने धरती माता के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने एवं कृषि लागत को कम करने के लिए खेती की कम लागत प्राकृतिक खेती को प्रकाश में लाया।