Bijapur Naxal surrender: नक्सल उन्मूलन के अभियान में पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। बुधवार को बीजापुर जिले में 30 नक्सलियों ने हथियार डालकर आत्मसमर्पण किया, जिनमें से 20 नक्सलियों पर कुल 81 लाख रुपये का इनाम घोषित था। आत्मसमर्पण करने वालों में डीवीसीएम सोनू हेमला उर्फ कोरोटी भी शामिल हैं, जिन पर 8 लाख रुपये का इनाम था। उन्होंने अपनी पत्नी के साथ हथियार छोड़ दिए। इस आत्मसमर्पण कार्यक्रम में दंतेवाड़ा रेंज के उप पुलिस महानिरीक्षक कमलोचन कश्यप, बस्तर रेंज के आईजी बीएस नेगी, बीजापुर एसपी डॉ. जितेन्द्र यादव समेत कोबरा, केरिपु और डीआरजी के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
आत्मसमर्पण के पीछे की वजहें
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नक्सलियों के आत्मसमर्पण के पीछे संगठन में आंतरिक मतभेद, कठोर विचारधारा से मोहभंग, शासन की योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन और परिवार के साथ सुरक्षित जीवन बिताने की इच्छा प्रमुख कारण हैं। सुरक्षा कैंप, बेहतर सड़क, बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं के गांवों तक पहुंचने से नक्सल प्रभावित इलाकों में सकारात्मक बदलाव देखने को मिला है, जिसने नक्सलियों को आत्मसमर्पण की ओर प्रेरित किया है।
नक्सलियों को मिली पुनर्वास सहायता
आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को पुनर्वास सहायता के तौर पर 50-50 हजार रुपये का चेक प्रदान किया गया। यह कदम सरकार की नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने की रणनीति का हिस्सा है। सुरक्षा बलों ने बताया कि लगातार संवाद और भरोसे का माहौल बनाकर नक्सलियों को समाज में पुनः स्थापित करने में सफलता मिली है।
प्रमुख आत्मसमर्पणकर्ता और उनके इनाम
इस समूह में डीवीसीएम सोनू हेमला उर्फ कोरोटी (8 लाख का इनामी), कल्लू पूनेम उर्फ रंजीत (PPCM, कंपनी नंबर 02, 8 लाख का इनामी), और कोसी कुंजाम (PPCM, कंपनी नंबर 02, 8 लाख का इनामी) प्रमुख नक्सली हैं। इनके अलावा कई अन्य नक्सलियों ने भी हथियार छोड़कर नया जीवन शुरू करने का फैसला किया है।
सुरक्षा बलों की सक्रियता से बढ़ रही शांति
बीजापुर और आसपास के नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बल लगातार अभियान चला रहे हैं। इन अभियानों के कारण नक्सल संगठन कमजोर हो रहा है और युवाओं में कट्टरता की सोच कम हो रही है। सुरक्षा कैंप, बेहतर बुनियादी ढांचा और शासन की योजनाओं की पहुंच से विकास की प्रक्रिया तेज हुई है, जिससे नक्सलवाद की जड़ें कमजोर पड़ रही हैं।
बीजापुर में 30 नक्सलियों का एक साथ आत्मसमर्पण छत्तीसगढ़ सरकार और सुरक्षा बलों की नक्सल उन्मूलन रणनीति की एक बड़ी सफलता है। यह पहल क्षेत्र में शांति बहाल करने के साथ-साथ स्थानीय युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। सरकार के विकास प्रयास और सुरक्षा बलों के सशक्त अभियान से नक्सल प्रभावित क्षेत्र धीरे-धीरे शांतिपूर्ण एवं समृद्ध बनते जा रहे हैं।
Read More : Mohan Bhagwat बोले- संघ की जानकारी हो ऑथेंटिक, धर्मांतरण नहीं बल्कि धर्म का विस्तार जरूरी
