Political Violence Bengal: पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के नगरकाटा इलाके में एक संगीन घटना सामने आई है, जहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) के मालदा नॉर्थ से सांसद खगेन मुर्मू और सिलीगुड़ी के विधायक डॉ. शंकर घोष पर हमला हुआ। दोनों बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने गए थे, लेकिन स्थानीय लोगों के गुस्से का सामना करते हुए उन पर पथराव किया गया। इस हमले में दोनों नेता घायल हो गए और उन्हें जान बचाकर भागना पड़ा।
घटना का विवरण
जानकारी के अनुसार, सांसद खगेन मुर्मू और विधायक डॉ. शंकर घोष बाढ़ पीड़ित इलाकों का निरीक्षण करने नगरकाटा पहुंचे थे। लेकिन अचानक से माहौल तनावपूर्ण हो गया। स्थानीय लोग आक्रोशित हो गए और दोनों पर पथराव शुरू कर दिया। इस दौरान सांसद खगेन मुर्मू के सिर पर चोट लगी और वे खून से लथपथ हो गए। दोनों नेताओं की गाड़ियों के शीशे भी इस पथराव में टूट गए।
सुरक्षा कर्मियों की तत्परता से बचाई जान
स्थानीय सुरक्षाकर्मियों ने तत्काल स्थिति को संभाला और दोनों नेताओं को लोगों के बीच से निकालकर सुरक्षित वाहन में बैठाया। इसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनकी चोटों का इलाज जारी है। सुरक्षाकर्मियों की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई की वजह से दोनों नेताओं की जान बचाई जा सकी।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और विवाद
इस घटना ने क्षेत्र में राजनीतिक माहौल को और गरमाहट दी है। BJP नेताओं ने इसे जानलेवा हमला करार देते हुए राज्य सरकार पर निशाना साधा है और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। पार्टी ने कहा है कि वह इस मामले की न्यायिक जांच की मांग करेगी और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने के लिए कदम उठाएगी।
वहीं, स्थानीय प्रशासन ने मामले की गंभीरता को स्वीकार करते हुए जांच शुरू कर दी है। उन्होंने कहा है कि शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा और इस तरह की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बाढ़ प्रभावित इलाके में तनाव
बाढ़ से प्रभावित इस इलाके में पहले से ही हालात तनावपूर्ण हैं। प्रभावित जनता को राहत और पुनर्वास के मुद्दे पर प्रशासन और राजनीतिक दलों के बीच मतभेद सामने आए हैं, जिससे स्थानीय लोगों में नाराजगी बढ़ी है। सांसद और विधायक का निरीक्षण इसी तनावपूर्ण माहौल में हुआ, जिसके बाद इस तरह की हिंसक घटना हुई।
नगरकाटा में BJP सांसद और विधायक पर हुआ यह हमला प्रदेश की सुरक्षा और राजनीतिक स्थिरता के लिए एक बड़ा संकेत है। प्रशासन और सरकार के लिए यह चुनौती है कि वह जनता की सुरक्षा और भरोसा बहाल करें, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। साथ ही, बाढ़ पीड़ितों को समय पर राहत पहुंचाने की भी जरूरत है ताकि तनाव और हिंसा से बचा जा सके।
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