Rahul Gandhi Yatra:बिहार में कांग्रेस पार्टी ने ‘वोटर अधिकार यात्रा’ की शुरुआत कर दी है। इस यात्रा का उद्देश्य मतदाता सूची में कथित गड़बड़ियों और मतदाताओं के अधिकारों की रक्षा करना बताया गया है। कांग्रेस के साथ विपक्षी INDIA गठबंधन भी इस अभियान में पूरी तरह साथ खड़ा नजर आ रहा है। पार्टी का दावा है कि यह यात्रा लोकतंत्र को मजबूत करने और वोटर लिस्ट की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए है।
बीजेपी का तीखा प्रहार
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कांग्रेस की इस यात्रा को लेकर तीखा हमला बोला है। बेगूसराय में एक सभा के दौरान उन्होंने कहा कि विपक्ष ‘कंस’ की राह पर चल रहा है। उन्होंने कहा, “जन्माष्टमी के अवसर पर मैं कहना चाहूंगा कि जैसे भगवान श्रीकृष्ण ने कंस का अंत किया था, वैसे ही इस यात्रा का भी अंत निश्चित है। यह यात्रा सत्य की नहीं, सत्ता की भूख से प्रेरित है।”
प्रवीण खंडेलवाल बोले – ‘झूठ की बुनियाद पर कहानी गढ़ रहे राहुल गांधी’
बीजेपी सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर सीधा हमला करते हुए कहा कि यह यात्रा पूरी तरह से झूठ और भ्रम फैलाने के लिए की जा रही है। उन्होंने कहा, “यह यात्रा केवल बिहार में कांग्रेस की खोई हुई जमीन वापस पाने का प्रयास है। राहुल गांधी जिस कहानी को लेकर जनता के बीच जा रहे हैं, वह सच्चाई से कोसों दूर है। राज्य की जनता समझ चुकी है कि यह यात्रा केवल राजनीतिक लाभ के लिए है, न कि आम लोगों की भलाई के लिए।”
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी का तंज
वोटर अधिकार यात्रा को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने भी तीखा कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, “यह कोई यात्रा नहीं, बल्कि पत्थर पर सिर पटकने जैसा है। जो लोग मर गए हैं, उनके नाम मतदाता सूची से हटाए जाने चाहिए। फर्जी मतदाताओं को हटाना चुनाव आयोग की नियमित प्रक्रिया है। ऐसे में यह यात्रा व्यर्थ है।” उन्होंने सवाल उठाया कि मतदाता सूची के शुद्धिकरण से आखिर कौन डर रहा है? उन्होंने आरोप लगाया कि केवल वही लोग डर रहे हैं जो फर्जी मतदाताओं के सहारे राजनीति करते हैं।
बीजेपी का दावा
बीजेपी नेताओं ने यह भी कहा कि कांग्रेस जनता को भ्रमित करने की कोशिश कर रही है। मतदाता सूची की सफाई एक सतत प्रक्रिया है, जो सिर्फ बिहार नहीं बल्कि पूरे भारत में लागू होती है। सत्ता पक्ष का आरोप है कि विपक्ष केवल चुनावी लाभ के लिए इस तरह की यात्राएं निकाल रहा है, जबकि मतदाता अधिकारों की वास्तविक चिंता उन्हें नहीं है।
बिहार में कांग्रेस की यह नई रणनीति राज्य में अपनी राजनीतिक जमीन को मजबूत करने की कोशिश मानी जा रही है। वहीं, बीजेपी इसे सिरे से खारिज करते हुए इसे एक “राजनीतिक ड्रामा” बता रही है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस यात्रा का कितना जनसमर्थन मिलता है और यह चुनावी समीकरणों को कितना प्रभावित करती है।
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