Bankim Brahmbhatt Scam: अमेरिका में भारतीय मूल के कारोबारी और सीईओ बंकिम ब्रह्मभट्ट (Bankim Brahmbhatt) पर 500 मिलियन डॉलर (लगभग 4,200 करोड़ रुपये) के बड़े वित्तीय घोटाले का आरोप लगा है। यह आरोप ब्लैकरॉक (BlackRock) की प्राइवेट क्रेडिट इंवेस्टमेंट शाखा HPS Investment Partners ने लगाया है।
क्या है पूरा मामला?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सितंबर 2020 में HPS और ब्रह्मभट्ट की टेलीकॉम कंपनी के बीच एक निवेश समझौता हुआ था। 2021 में HPS ने कंपनी में 385 मिलियन डॉलर का निवेश करने की घोषणा की, जिसे अगस्त 2024 में बढ़ाकर 430 मिलियन डॉलर कर दिया गया।हालांकि, जुलाई 2024 में HPS को निवेश से जुड़े कुछ फर्जी ईमेल एड्रेस और दस्तावेज़ मिले। जब कंपनी ने इस बारे में ब्रह्मभट्ट से संपर्क किया, तो उन्होंने जांच का आश्वासन दिया लेकिन जल्द ही उनका संपर्क टूट गया। जब HPS के अधिकारी उनकी कंपनी के दफ्तर पहुंचे, तो पाया कि कंपनी बंद हो चुकी थी और वित्तीय स्थिति दिवालिया घोषित कर दी गई थी।
आरोप और जांच
HPS का आरोप है कि ब्रह्मभट्ट ने निवेश आकर्षित करने के लिए फर्जी बैलेंस शीट और कंपनी के प्रदर्शन से जुड़ी गलत जानकारी दी। आरोप है कि उन्होंने निवेश की बड़ी राशि को भारत और मॉरीशस के बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया।वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, HPS अधिकारियों ने ब्रह्मभट्ट के गार्डन सिटी स्थित घर का दौरा किया, लेकिन वहां भी उनके ठिकाने के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं मिली।HPS ने अगस्त 2024 में अमेरिकी अदालत में मुकदमा दायर किया। फिलहाल अमेरिकी पुलिस और वित्तीय एजेंसियां इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही हैं।
ब्रह्मभट्ट की प्रतिक्रिया
बंकिम ब्रह्मभट्ट के वकील ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उनका कहना है कि उनके मुवक्किल निर्दोष हैं और HPS द्वारा लगाए गए सभी आरोप असत्य और भ्रामक हैं। उन्होंने कहा कि यह एक व्यावसायिक विवाद है, जिसे कानूनी प्रक्रिया के तहत सुलझाया जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय निवेश जगत पर असर
यह मामला न केवल अमेरिका बल्कि वैश्विक निवेश बाजार में भी विश्वसनीयता और पारदर्शिता को लेकर सवाल खड़ा करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना विदेशी निवेशकों के लिए चेतावनी है कि बड़े सौदों से पहले वित्तीय और कानूनी जांच को प्राथमिकता देना चाहिए।अमेरिकी एजेंसियां ब्रह्मभट्ट के वित्तीय लेन-देन, ईमेल रिकॉर्ड और बैंक ट्रांसफर की जांच कर रही हैं। आने वाले हफ्तों में इस घोटाले से जुड़े और नए खुलासे होने की संभावना है।निवेश जगत के लिए यह एक बड़ा सबक माना जा रहा है वैश्विक स्तर पर पारदर्शिता, जवाबदेही और नियामक निगरानी के बिना कोई भी निवेश जोखिममुक्त नहीं हो सकता।
