पहले दलित युवती से की छेड़छाड़, फिर गाँव के अनुसूचित जाति के परिवारों का किया सामाजिक बहिष्कार
पहले दलित युवती से की छेड़छाड़, फिर गाँव के अनुसूचित जाति के परिवारों का किया सामाजिक बहिष्कार
रोहतक ज़िले के भैणी मातो गांव में एक मामला सामने आया है, जहाँ उच्च जाति के एक युवक ने एक विशेष अनुसूचित जाति के घर की लड़की की बेटी के साथ छेड़छाड़ किया। इस मामले पर गाँव में पंचायत की गई जिसमें अनुसूचित जाति के परिवारों का सामाजिक बहिष्कार करने का फ़ैसला सुनाया गया है। पंचायत ने कहा की, “गाँव का कोई भी व्यक्ति इन परिवारों के साथ बोलचाल और किसी तरह का संबंध नहीं रखेगा, न ही इन परिवारों के सदस्यों के खेत, घर व दुकान में प्रवेश करेगा और यदि कोई ऐसा करता पाया गया तो उससे 11 हज़ार रुपए जुर्माना वसूला जाएगा।” पंचायत द्वारा यह फ़रमान सुनाए जाने के बाद उन परिवारों के सामने रोज़ी-रोटी का बड़ा संकट खड़ा हो गया है। जानकारी के मुताबिक, एक उच्च जाति के युवक ने एक अनुसूचित जाति के व्यक्ति के घर मे घुस कर उसकी लड़की के साथ छेड़छाड़ की, जिसके ख़िलाफ़ पीड़ित परिवार ने मामला दर्ज करवाया। छेड़छाड़ की धाराओं सहित SC/ST की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर जाँच शुरू कर दी है। उच्च जाति के लोगों ने पीड़ित परिवार पर केस वापस लेने के लिए दवाब बनाया, लेकिन पीड़ित परिवार ने केस वापस नहीं लिया, जिसके बाद उच्च जाति के लोगो ने पंचायत कर SC जाति के लोगों का सामाजिक बहिष्कार करने का फैसला सुना दिया। गाँव के एक बुज़ुर्ग ने कहा की, “यह निर्णय गाँव का निर्णय नहीं है, गाँव के कुछ नौजवान युवकों ने इस तरह का निर्णय लिया है। गाँव का एक युवक अनुसूचित जाति के एक व्यक्ति के घर मे घुस गया था। उसने जो जुर्म किया है, उसके ख़िलाफ़ उसी जुर्म की धारा लगनी चाहिए। SC/ST Act की धारा नहीं लगवानी चाहिए थी। इससे गाँव में जातीय द्वेष पैदा होने का ख़तरा हो जाता है।” पुलिस ने बताया कि, “गाँव के व्यक्ति ने पुलिस में शिकायत दी कि उसके घर मे घुसकर एक युवक ने छेड़छाड़ की। इस संबद्ध में पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए आरोपी को हिरासत में ले लिया है। DSP मामले की जाँच कर रहे है। अगर किसी के द्वारा किसी का सामाजिक बहिष्कार करने की बात सामने आई तो उसके ख़िलाफ़ भी क़ानूनी कार्यवाही की जाएगी।”