BPSC Exam Protest: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर छात्रों का आंदोलन जारी है। छात्र अपनी मांगों पर अडिग हैं कि बीपीएससी परीक्षा को दोबारा आयोजित किया जाए और जब तक यह मांग पूरी नहीं होती, तब तक वे चुप नहीं बैठेंगे। 28 दिसंबर को गांधी मैदान में आयोजित छात्र संसद में सभी अभ्यर्थियों ने एकजुट होकर कहा कि उनकी प्रमुख मांग बीपीएससी 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा का रद्द करना है। इस पर राज्य सरकार या बीपीएससी से पुनर्परीक्षा से कम पर बात नहीं होगी।

मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने रविवार को अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल से मिलने का न्यौता भेजा था, लेकिन लाठीचार्ज और विवाद के कारण अभ्यर्थी बातचीत के लिए नहीं पहुंचे। हालांकि, मुख्य सचिव ने यह स्पष्ट किया कि आज भी वे अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल का इंतजार करेंगे और सरकार का दरवाजा बातचीत के लिए हमेशा खुला है।
Read more :BPSC से अनुशंसित शिक्षकों की काउंसलिंग की तारीख में बदलाव, नया शेड्यूल जारी..देखें यहां
प्रदर्शन और पुलिस कार्रवाई
गांधी मैदान में छात्रों का विरोध प्रदर्शन और बढ़ गया जब पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। पुलिस की इस कार्रवाई में कई अभ्यर्थी घायल हो गए और एक छात्र को अस्पताल में भर्ती भी कराया गया। इस घटना के बाद, प्रशासन ने कानूनी कार्रवाई की शुरुआत की है और कई नेताओं, जिनमें जनसुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर, और अन्य छात्रों को नामजद आरोपी बनाया है।

प्रशासन ने यह भी चेतावनी दी है कि कानून व्यवस्था की स्थिति बिगाड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।प्रशांत किशोर ने कहा कि यदि सरकार और बीपीएससी की ओर से कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया जाता, तो सोमवार को आंदोलन की अगली रणनीति तय की जाएगी। उनका कहना था कि छात्रों की बात सुनी जाए और इस मामले को सुलझाया जाए।
कांग्रेस और राजद का समर्थन

कांग्रेस और राजद ने बीपीएससी अभ्यर्थियों के साथ अपनी एकजुटता दिखाते हुए उनके पक्ष में आवाज उठाई। बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रेमचंद मिश्रा ने लाठीचार्ज की निंदा की और कहा कि यह समस्या का समाधान नहीं हो सकता। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि वे छात्रों से बातचीत करें और मामले का शांतिपूर्ण समाधान निकाला जाए।वहीं, राजद ने भी बीपीएससी परीक्षा को दोबारा कराने की मांग को पूरी तरह से समर्थन किया। पार्टी के प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा कि पार्टी ने पहले भी इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री से पुनर्परीक्षा कराने का आग्रह किया है और वह इस मांग को तब तक जारी रखेंगे जब तक छात्रों के भविष्य को सुरक्षित नहीं किया जाता।
क्या मिलेगा छात्रों को राहत?
बीपीएससी परीक्षा के संबंध में आज महत्वपूर्ण फैसला लिया जा सकता है। अभ्यर्थी अभी भी उम्मीद लगाए हुए हैं कि सरकार उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करेगी। मुख्य सचिव का कहना है कि छात्रों को शांति के साथ अपनी बात रखने का मौका मिलना चाहिए और किसी बाहरी दबाव में आकर कोई गलत कदम नहीं उठाना चाहिए।

अब यह देखना होगा कि सरकार इस विवाद को किस दिशा में ले जाती है और छात्रों की प्रमुख मांगों पर क्या प्रतिक्रिया देती है। बीपीएससी अभ्यर्थियों का संघर्ष जारी है, और उनका कहना है कि जब तक पुनर्परीक्षा का ऐलान नहीं होता, तब तक वे अपनी आवाज उठाते रहेंगे।