Shahdol Brick Scam: मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में एक नया घोटाला सामने आया है, जिसमें एक ग्राम पंचायत ने सामान्य दर से 10 गुना अधिक कीमत पर ईंटें खरीदी हैं। बुधार ब्लॉक की भाटिया ग्राम पंचायत ने 50 रुपये प्रति ईंट के हिसाब से 2500 ईंटें खरीदीं, जिसके लिए 1.25 लाख रुपये का बिल पास किया गया। यह कीमत सामान्य दर से बेहद अधिक है, जिससे यह मामला सामने आने के बाद प्रशासन में हलचल मच गई है।
ग्राम पंचायत ने 50 रुपये प्रति ईंट पर खरीदीं 2500 ईंटें
भाटिया ग्राम पंचायत द्वारा खरीदी गई इन 2500 ईंटों के लिए पंचायत ने 1.25 लाख रुपये का बिल पास किया। इस घोटाले में एक ईंट की कीमत 50 रुपये रखी गई, जबकि बाजार में इसकी सामान्य कीमत कहीं अधिक कम होती है। यह घोटाला सामने आने के बाद शहडोल कलेक्टर डॉ. केदार सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे रोजाना 10-12 पंचायतों का निरीक्षण करें, ताकि यह जांचा जा सके कि क्या यह बिल लापरवाही से पास किए गए थे या जानबूझकर धोखाधड़ी की गई है।
पंचायत के घोटाले में प्रशासन की लापरवाही की आशंका
मामले में जांच की जा रही है कि क्या यह घोटाला पंचायत के अधिकारियों की लापरवाही या भ्रष्टाचार का परिणाम है। कलेक्टर ने सभी पंचायतों का निरीक्षण शुरू करने का आदेश दिया है, ताकि इस घोटाले की सच्चाई का पता लगाया जा सके। शहडोल प्रशासन इस मामले की गंभीरता से जांच कर रहा है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।
शहडोल में यह पहला घोटाला नहीं
शहडोल जिले में यह घोटाला कोई नया नहीं है। इससे पहले भी कई घोटाले सामने आ चुके हैं, जिनसे प्रशासन की पोल खुली है। कुछ हफ्ते पहले ही कुदरी ग्राम पंचायत में दो पन्नों की फोटोकॉपी के लिए 4,000 रुपये का बिल पास किया गया था, जबकि जुलाई में भदवाही गांव में जल गंगा संवर्धन अभियान के दौरान ड्राई फ्रूट्स, नमकीन और फलों के बिल ने पूरे मामले को सुर्खियों में ला दिया था।
जल गंगा अभियान में हुई फर्जी बिलिंग का खुलासा
जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत पास हुए बिलों की जांच में यह सामने आया कि जिस दुकान से ड्राईफ्रूट और अन्य सामान का बिल जारी किया गया था, वह वास्तव में एक गुमटी थी। उस दुकान पर न तो जीएसटी नंबर था, न ही कोई बिल बुक। इसके अलावा, पंचायत में पास हुए अन्य बिल भी एक ऐसी दुकान से आए थे, जो असल में रेत, बजरी और ईंटें बेचती थी। यह सभी मामले दर्शाते हैं कि शहडोल में प्रशासन की नजरों से बचकर भ्रष्टाचार और अवैध गतिविधियाँ हो रही हैं।
शहडोल में घोटालों की यह कड़ी अब प्रशासन के लिए गंभीर चुनौती बन गई है। ईंटों के घोटाले से लेकर जल गंगा अभियान तक के फर्जी बिलिंग के मामलों ने प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार के मुद्दे को सामने ला दिया है। कलेक्टर ने जांच तेज कर दी है और भविष्य में इस तरह के मामलों की रोकथाम के लिए सख्त कदम उठाने की बात की है।
