Brijbhushan Singh : भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष व BJP नेता बृजभूषण शरण सिंह रविवार को हरियाणा के चरखी दादरी पहुंचे। यहां पहलवान विनेश फोगाट के गृह जिले में राजपूत सभा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने वियतनाम की अंडर-17 एशियन चैंपियन पहलवान रचना परमार को सम्मानित किया। वहीं, फोगाट खाप के विरोध के कारण माहौल तनावपूर्ण रहा, लेकिन पुलिस की सख्त सुरक्षा में कार्यक्रम बिना किसी अप्रिय घटना के संपन्न हुआ। बृजभूषण ने पूर्व पहलवान योगेश्वर दत्त को भी मंच से सम्मानित किया।
बृजभूषण ने कहा- मैं बहुत शरीफ आदमी हूं
कार्यक्रम के दौरान बृजभूषण ने मंच से किसी को भी पहलवानों से जुड़े विवादों और खाप पंचायतों के विरोध पर बोलने से रोका। उन्होंने खुद कहा, “मैं बहुत शरीफ आदमी हूं,” जिससे वहां मौजूद लोगों ने हँसी भी की। उन्होंने कहा कि उनकी शराफत का परिचय उनके क्षेत्र में मिलता है और अयोध्या जाकर भी उन्हें हर सुविधा मिलेगी।
विवादों का इतिहास
बृजभूषण ने अपने विवादों के पुराने नाते का खुलासा करते हुए बताया कि राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान उनकी गिरफ्तारी सबसे पहले हुई थी। उन्होंने कहा कि विवादित ढांचा गिराए जाने पर सीबीआई ने उन पर एफआईआर दर्ज की थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका विवादों से पुराना रिश्ता है लेकिन वे हरियाणा से बेहद प्यार करते हैं।
योगेश्वर दत्त ने की बृजभूषण की प्रशंसा
कार्यक्रम में पहुंचे ओलंपियन पहलवान योगेश्वर दत्त ने बृजभूषण की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि पहले पहलवानों को विदेश जाने के लिए खुद पैसे खर्च करने पड़ते थे, लेकिन बृजभूषण के आने के बाद कुश्ती फेडरेशन ने इस खेल को पहचान दी है और खर्चे वहन करने लगा है। उन्होंने कहा कि कुछ असामाजिक तत्वों के कारण कुश्ती में ब्रेक भी लगा था, लेकिन अब खेल फिर से पटरी पर लौट रहा है।
खाप का विरोध
चरखी दादरी के गांव बौंद कलां में कार्यक्रम के खिलाफ फोगाट खाप ने विरोध जताया। खाप के सचिव कुलदीप फोगाट और कृष्ण फोगाट ने कहा कि बृजभूषण के खिलाफ पहलवानों ने आंदोलन किया था और उनके आने से आपसी भाईचारे को नुकसान पहुंचेगा। उन्होंने महिला पहलवानों का सम्मान करते हुए कहा कि महिला खिलाड़ियों का अपमान करने वाले बृजभूषण को बुलाना नकारात्मक संदेश है।
राजपूत सभा का जवाब
विरोध के बीच राजपूत सभा के जिला प्रभारी पवन सांजरवासियां ने कहा कि यह कार्यक्रम पहलवान रचना परमार के सम्मान में था और कोई व्यापक विरोध नहीं है। उन्होंने साफ किया कि विरोध करने वाले कुछ असामाजिक तत्व हैं, जिनका सामना किया जाएगा। यह पूरा मामला हरियाणा में कुश्ती के खेल और सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों के बीच गतिरोध को दर्शाता है, जिसमें राजनीतिक हस्तक्षेप और विवाद भी शामिल हैं।
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