ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक मंगलवार को मोरारी बापू की रामकथा में शामिल हुए। उन्होनें कहा कि उनकी हिंदू आस्था उनके जीवन के हर पहलू में उनका मार्गदर्शन करती है। वही उन्होने रामकथा’ में जुटी भीड़ के सामने सुनक ने अपना संबोधन शुरू करते हुए कहा, ‘बापू, मैं यहां पर एक प्रधानमंत्री के तौर पर नहीं बल्कि हिंदू के तौर पर आया हूं।

कैंब्रिज: भारतीय स्वतंत्रता दिवस के दिन ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक कैंब्रिज विश्वविद्यालय में मोरारी बापू की रामकथा में शामिल हुए। यहां सुनक ने कहा कि वे PM नहीं बल्कि एक हिंदू के तौर पर कथा में शामिल हुए हैं। इस दौरान उन्होंने जय श्री राम का नारा भी लगाया। उन्होंने कहा कि उनकी हिंदू आस्था उनके जीवन के सभी पहलुओं का मार्गदर्शन करती है, और उन्हें देश के शासनाध्यक्ष के तौर पर बेहतरीन कार्य करने की प्रेरणा देती है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने भारत के स्वतंतत्रा दिवस के दिन इस कार्यक्रम के संयोग को भी रेखांकित किया।
ऋषि सुनक कहते हैं ‘जय सिया राम’

कार्यक्रम के एक वीडियो में ऋषि सुनक ‘जय सिया राम’ का नारा लगाते हुए भी नजर आ रहे हैं। मंच पर पृष्ठभूमि में छपे भगवान हनुमान के चित्र का जिक्र करते हुए ब्रिटिश प्रधान मंत्री ने कहा: “जैसे बापू की पृष्ठभूमि में एक स्वर्ण हनुमान है, मुझे गर्व है कि 10 डाउनिंग स्ट्रीट में मेरी मेज पर एक स्वर्ण गणेश प्रसन्नतापूर्वक विराजमान हैं। ऋषि सुनक ने कहा कि उन्हें ब्रिटिश और हिंदू होने पर गर्व था, इससे पहले कि उनका बचपन साउथ हैम्पटन में बीता, जहां उन्होंने अपने भाई-बहनों के साथ अपने पड़ोस के मंदिर का दौरा किया।
Read more: बांके बिहारी मंदिर के पास एक बड़ा हादसा..
भगवत गीता और हनुमान चालीसा को भी फॉलो करते हैं सुनक…

रामकथा में ऋषि सुनक ने अपने बचपन को भी याद किया। उन्होंने कहा- बचपन में हम स्थानीय मंदिर में जाते थे। वहां मेरा परिवार हवन, पूजा और आरती कराता था। इसके बाद में अपने भाई-बहनों और कजिन्स के साथ प्रसाद बांटता था। सुनक ने कहा कि वे रामायण के साथ भगवत गीता और हनुमान चालीसा को भी फॉलो करते हैं। उन्होंने मोरारी बापू का भी धन्यवाद किया।
सुनक की टेबल पर रखी रहती है गणेश भगवान की मूर्ति…

सुनक ने कहा कि जिस तरह मोरारी बापू के आसन के पीछे हनुमान जी की सुनहरी तस्वीर लगी हुई है, उसी तरह मेरे ऑफिस की टेबल पर गणेश जी की सुनहरी मूर्ति रखी रहती है। उनकी मूर्ति मुझे लगातार कोई काम करने से पहले सुनने और उस पर विचार करने के जरूरत की याद दिलाती है।
ऋषि सुनक ने मंच पर आरती में भी हिस्सा लिया. मोरारी बापू ने उन्हें ज्योतिर्लिंग राम कथा यात्रा के पवित्र प्रसाद के रूप में सोमनाथ मंदिर से एक पवित्र शिवलिंग भेंट किया।