BRS suspends K Kavitha: भारतीय राष्ट्र समिति (BRS) ने मंगलवार को एमएलसी के. कविता को पार्टी से निलंबित कर दिया है। पार्टी ने इस निलंबन का कारण उनकी पार्टी के खिलाफ बयानबाजी और गतिविधियों को बताया है, जो पार्टी के हितों के खिलाफ मानी गईं। इस निलंबन का निर्णय BRS अध्यक्ष और तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने खुद लिया है। पार्टी ने इस मामले पर आधिकारिक बयान भी जारी किया है।
कविता की पार्टी विरोधी गतिविधियां बनीं समस्या
2023 में BRS की हार के बाद से के. कविता ने पार्टी के आंतरिक मामलों पर खुलकर आलोचना की थी। उन्होंने कई बार पार्टी नेतृत्व की नीतियों और रणनीतियों पर सवाल उठाए, जिसे चंद्रशेखर राव और अन्य नेताओं ने अनुशासनहीनता के रूप में देखा। इसके अलावा, कविता ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ गठजोड़ का भी विरोध किया और कई मौकों पर सार्वजनिक रूप से पार्टी के खिलाफ बयानबाजी की।
पार्टी ने सोशल मीडिया पर निलंबन की जानकारी दी
BRS ने के. कविता के निलंबन की घोषणा सोशल मीडिया के जरिए की। पार्टी की ओर से जारी एक पोस्ट में कहा गया है कि के. कविता की हाल की गतिविधियां और पार्टी विरोधी काम बीआरएस को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इस गंभीर मसले को पार्टी नेतृत्व ने संज्ञान में लिया है और अध्यक्ष चंद्रशेखर राव ने तत्काल प्रभाव से उन्हें पार्टी से निलंबित करने का आदेश दिया है।
పార్టీ MLC శ్రీమతి కె. కవిత ఇటీవలి కాలంలో ప్రవర్తిస్తున్న తీరుతెన్నులు, కొనసాగిస్తున్న పార్టీ వ్యతిరేక కార్యకలాపాలు బీఆర్ఎస్ పార్టీకి నష్టం కలిగించే రీతిలో ఉన్నందున పార్టీ అధిష్టానం ఈ విషయాన్ని తీవ్రంగా పరిగణిస్తున్నది.
పార్టీ అధ్యక్షులు శ్రీ కె. చంద్రశేఖర్ రావు గారు శ్రీమతి కె.… pic.twitter.com/iTSWON3irq
— BRS Party (@BRSparty) September 2, 2025
कविता के निलंबन का राजनीतिक असर
के. कविता का निलंबन पार्टी के अंदर छिड़े मतभेदों को और बढ़ावा दे सकता है। पिछले कुछ महीनों से पार्टी में कई नेताओं के बीच असहमति और विवाद सामने आ रहे हैं, जिनमें से के. कविता की आलोचनाएं सबसे ज्यादा सुर्खियों में रही हैं। अब इस निलंबन के बाद BRS के राजनीतिक समीकरणों और अंदरूनी ताकतों में बदलाव की संभावना बढ़ गई है।
पार्टी नेतृत्व ने जताई मजबूती से अनुशासन बनाए रखने की मंशा
BRS के नेतृत्व ने स्पष्ट किया है कि पार्टी में अनुशासन बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि किसी भी सदस्य को पार्टी के हितों के खिलाफ बयानबाजी करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस कदम से पार्टी की एकता और अनुशासन सुदृढ़ करने की कोशिश की जा रही है ताकि आगामी चुनावों में मजबूत स्थिति बनाई जा सके।
अब यह देखना होगा कि के. कविता इस निलंबन का क्या जवाब देती हैं और वे पार्टी की इस कार्रवाई को कैसे स्वीकार करती हैं। साथ ही, पार्टी के अन्य सदस्य और नेता इस फैसले पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं यह भी राजनीतिक जगत में चर्चा का विषय रहेगा। आगामी दिनों में BRS की राजनीतिक दिशा और रणनीति पर इस फैसले का प्रभाव स्पष्ट होगा।
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