BSP Bihar President: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों के बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के बिहार प्रदेश प्रभारी अनिल कुमार ने अपने पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इस्तीफे के पीछे निजी कारणों का हवाला दिया है। उनके इस अचानक फैसले से न केवल पार्टी संगठन में चर्चा का दौर शुरू हुआ है, बल्कि बिहार की राजनीति में भी हलचल तेज हो गई है।
BSP Bihar President:अनिल कुमार का इस्तीफा पत्र
अनिल कुमार ने अपने इस्तीफे में उत्तर प्रदेश के लखनऊ का पता देते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती को संबोधित किया। इस्तीफा पत्र में उन्होंने लिखा कि वे बहुजन समाज पार्टी के बिहार प्रदेश प्रभारी के रूप में कार्यरत हैं, लेकिन कुछ अपरिहार्य निजी कारणों के चलते पार्टी के कार्यों में पूरा समय और योगदान देने में असमर्थ हैं। उन्होंने अपनी स्वेच्छा से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और बिहार प्रदेश प्रभारी के पद से इस्तीफा देने का अनुरोध किया। पत्र में उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान मिले मार्गदर्शन और स्नेह के लिए धन्यवाद भी दिया।
BSP Bihar President:हार की नैतिक जिम्मेदारी या निजी कारण?
सूत्रों का कहना है कि बिहार में अनिल कुमार के इस्तीफे के पीछे पार्टी की करारी हार भी एक अहम वजह हो सकती है। बिहार में बसपा ने 243 विधानसभा सीटों में से 192 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन इनमें से 191 सीटों पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा। केवल रामगढ़ सीट पर ही बसपा की जीत हुई, वह भी मात्र 30 वोटों के अंतर से। इस हार की जिम्मेदारी लेते हुए अनिल कुमार ने नैतिक कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया होगा।
रामगढ़ सीट पर मिली हार के बावजूद जीत
बसपा सुप्रीमो मायावती की लाज बचाने वाली एकमात्र सीट रामगढ़ रही। यहां बसपा के सतीश कुमार को 72,689 वोट मिले, जबकि बीजेपी के अशोक कुमार को 72,659 वोट मिले। इस तरह बसपा को मात्र 30 वोटों के अंतर से जीत मिली। बाकी सभी सीटों पर पार्टी के प्रत्याशियों को करारी हार का सामना करना पड़ा, जो पार्टी के लिए एक चिंताजनक स्थिति का संकेत है।
इस्तीफा के राजनीतिक और संगठनात्मक प्रभाव
अनिल कुमार के इस्तीफे से बसपा के बिहार संगठन में नई हलचल शुरू हो गई है। प्रदेश अध्यक्ष के पद पर रिक्ति आने से अब पार्टी के भीतर नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाएं तेज हो गई हैं। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि पार्टी को आगामी समय में अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना पड़ेगा, खासकर बिहार में कमजोर प्रदर्शन के बाद।बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने बसपा के लिए चुनौतीपूर्ण परिस्थितियां उत्पन्न की हैं। प्रदेश प्रभारी अनिल कुमार का इस्तीफा पार्टी के भीतर नेतृत्व परिवर्तन और संगठनात्मक पुनर्गठन की आवश्यकता को दर्शाता है। रामगढ़ सीट की जीत ने पार्टी को भले ही थोड़ी राहत दी हो, लेकिन 191 हार ने बसपा के बिहार में राजनीतिक प्रभाव को कमजोर किया है। अब यह देखना होगा कि पार्टी भविष्य में अपने संगठन और रणनीति में बदलाव करके बिहार में अपनी स्थिति मजबूत कर पाएगी या नहीं।
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