Mayawati Rally: बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती आज लखनऊ के कांशीराम स्मारक स्थल पर आयोजित एक भव्य महारैली को संबोधित कर रही हैं। यह रैली बीएसपी संस्थापक कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर हो रही है। रैली के लिए देश के विभिन्न राज्यों से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और समर्थक लखनऊ पहुंच चुके हैं, जिससे स्मारक स्थल और आसपास के इलाके में भारी भीड़ देखने को मिल रही है।
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संगठन को मजबूत करने की कोशिश
बताते चले कि, लोकसभा और विधानसभा चुनावों में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद बसपा अब अपने जनाधार को दोबारा खड़ा करने की कोशिश में है। इसी कड़ी में यह विशाल रैली आयोजित की गई है, जिसमें पार्टी द्वारा करीब 10 लाख लोगों के जुटने की संभावना जताई गई है। मायावती के साथ-साथ पार्टी के युवा चेहरा आकाश आनंद भी इस रैली को संबोधित कर रहे हैं।
दूर-दराज से पहुंचे समर्थक
रैली में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के अलावा पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र और उत्तराखंड से भी समर्थक पहुंचे हैं। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। कई समर्थकों के लिए यह लखनऊ की पहली यात्रा है। उन्होंने कहा कि वे केवल “बहनजी” को सुनने और उनका समर्थन जताने आए हैं—भले ही वे सत्ता में हों या विपक्ष में।
कार्यकर्ताओं ने खुद उठाया खर्च
अन्य राजनीतिक दलों के विपरीत, बीएसपी समर्थक इस रैली में शामिल होने के लिए अपने खुद के खर्चे पर आए हैं। कई लोगों ने मिलकर चंदा इकट्ठा किया और लखनऊ पहुंचे। यह पार्टी और मायावती के प्रति उनकी गहरी निष्ठा को दर्शाता है। रैली की शुरुआत में मायावती ने कांशीराम की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
2027 में पूर्ण बहुमत की सरकार का दावा

अपने भाषण में आकाश आनंद ने कहा कि बहनजी उनका आदर्श हैं और वे कांशीराम के मिशन को आगे बढ़ा रही हैं। उन्होंने दावा किया कि रैली में लाखों समर्थकों की उपस्थिति 2027 में यूपी में बीएसपी की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनने का संकेत है। उन्होंने यह भी कहा कि बसपा की सरकार आने पर ही दलितों और पिछड़ों को उनके अधिकार सही तरीके से मिल पाएंगे।
मायावती ने सपा पर साधा निशाना
मायावती ने अपने संबोधन में कांशीराम को श्रद्धांजलि देते हुए समर्थकों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि बीएसपी सरकार के समय कांशीराम के सम्मान में यह स्मारक स्थल बनवाया गया था। उन्होंने बीजेपी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि योगी सरकार ने स्मारक के रखरखाव के लिए टिकट से आए पैसों का सही उपयोग किया, जबकि सपा सरकार ने इसे दबा लिया था।
स्मारकों के नाम बदलने का आरोप
मायावती ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर तीखा हमला करते हुए कहा कि सत्ता में रहते हुए उन्होंने कांशीराम के नाम पर कोई स्मारक नहीं बनवाया, जबकि अब सत्ता से बाहर होकर ऐसे वादे कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब सपा सत्ता में आती है तो उन्हें दलित समाज की याद नहीं रहती। उन्होंने समर्थकों से ऐसे “दोगले नेताओं” से सतर्क रहने की अपील की और बताया कि सपा सरकार ने बीएसपी शासन में बनाए गए कई स्मारकों के नाम बदल दिए थे।
कांशीराम की पुण्यतिथि पर आयोजित यह महारैली बीएसपी के लिए सिर्फ श्रद्धांजलि का अवसर नहीं, बल्कि 2027 विधानसभा चुनावों के लिए बिगुल फूंकने का मंच भी बन गई है। मायावती और आकाश आनंद दोनों ने पार्टी के भविष्य की दिशा को स्पष्ट करते हुए कार्यकर्ताओं को एकजुट रहने का संदेश दिया है।
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