Budget 2025 Highlights: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को संसद में प्रस्तुत किए गए अपने बजट में मखाना उत्पादन करने वाले किसानों के लिए एक बड़ी घोषणा की। इस बजट में विशेष रूप से बिहार राज्य के मखाना उगाने वाले किसानों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने मखाना बोर्ड बनाने और किसानों को एक पैकेज देने की योजना बनाई है। इस निर्णय से मखाना उत्पादकों को प्रशिक्षण और बेहतर विकास के अवसर मिलेंगे।
मखाना बोर्ड बनाने का ऐलान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि मखाना उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार एक मखाना बोर्ड बनाएगी। इस बोर्ड का मुख्य कार्य मखाना उगाने वाले किसानों को प्रशिक्षण देना और मखाना उत्पादन के क्षेत्र में सुधार और विकास के लिए योजनाएं बनाना होगा। इससे किसानों को न केवल बेहतर उत्पादन के तरीके सीखने को मिलेंगे, बल्कि वे अपने उत्पाद को बाजार में अधिक अच्छे तरीके से प्रस्तुत भी कर सकेंगे।
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किसानों को मिलेगा विशेष पैकेज

निर्मला सीतारमण ने मखाना उत्पादकों के लिए एक पैकेज की घोषणा भी की। यह पैकेज मखाना की खेती को बढ़ावा देने, किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने और मखाना के उत्पादन में वृद्धि करने के उद्देश्य से दिया जाएगा। बिहार के मखाना उगाने वाले किसानों को इस पैकेज के माध्यम से तकनीकी सहायता, बाजार की जानकारी, और बेहतर संसाधनों की सुविधा मिलेगी, जो उनके आर्थिक स्तर को ऊंचा उठाने में मदद करेगा।
बिहार में मखाना उत्पादन की महत्ता

बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में मखाना उत्पादन की एक लंबी और समृद्ध परंपरा रही है। दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, सहरसा, कटिहार, पूर्णिया, अररिया और किशनगंज जैसे जिलों में प्रमुख रूप से मखाना उगाया जाता है। यह क्षेत्र देश और दुनिया में मखाना उत्पादन के सबसे बड़े केंद्र के रूप में जाना जाता है। आंकड़ों के अनुसार, दुनिया का 80 प्रतिशत मखाना और भारत का 85 प्रतिशत मखाना उत्पादन अकेले बिहार में होता है।
मिथिला संस्कृति में मखाना का महत्व

मिथिलांचल की सांस्कृतिक पहचान में मखाना एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यहां मखाना को “मखान” कहा जाता है और यह क्षेत्र की तीन प्रमुख सांस्कृतिक धरोहरों में से एक है, जिसमें तालाब, मछली और मखाना शामिल हैं। मिथिला के लोग मखाना को न केवल खाद्य पदार्थ के रूप में बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के साथ भी जोड़ते हैं।
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वित्त मंत्री की घोषणा से उम्मीदें बढ़ी
निर्मला सीतारमण की यह घोषणा मखाना किसानों के लिए एक सकारात्मक बदलाव का संकेत देती है। बिहार के किसान अब मखाना उत्पादन में और अधिक नवाचार और सुधार की ओर बढ़ सकते हैं, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो सकती है और साथ ही बिहार के ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। सरकार द्वारा की गई इस पहल से मखाना की खेती के प्रति किसानों का उत्साह बढ़ेगा और इसके वैश्विक बाजार में भी पहचान बनेगी।