Bulandshahr News:किसानों को रुला गया टमाटर… बर्बादी पर फूटा गुस्सा, वीडियो हुआ वायरल

किसानों का कहना है कि पिछले एक महीने से टमाटर के दाम लगातार गिरते जा रहे हैं। एक क्रेट टमाटर, जिसमें लगभग 25 किलो टमाटर होते हैं, की कीमत मात्र 20 से 30 रुपये तक रह गई है।

Shilpi Jaiswal
Bulandshahr News
Bulandshahr News

Bulandshahr News:उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले की नवीन फल एवं सब्जी मंडी में शनिवार को एक हैरान कर देने वाला नजारा देखने को मिला। यहां नाराज किसानों और आढ़तियों ने टमाटर के बेहद कम दाम मिलने से परेशान होकर बड़ी मात्रा में टमाटर मंडी में ही पलट दिए। कई किसानों ने अपनी क्रेटें खाली करने के लिए टमाटर को जमीन पर बिखेर दिया और फ्री में बांटना शुरू कर दिया। देखते ही देखते मंडी में टमाटर लेने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी। इसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

Read More:Jio Airtel Vi recharge plans:2025 के अंत में बढ़ सकते हैं रिचार्ज प्लान्स के रेट,यूजर्स की जेब पर पड़ेगा बोझ

टमाटर की कहानी किसानों की जुबानी

किसानों का कहना है कि पिछले एक महीने से टमाटर के दाम लगातार गिरते जा रहे हैं। एक क्रेट टमाटर, जिसमें लगभग 25 किलो टमाटर होते हैं, की कीमत मात्र 20 से 30 रुपये तक रह गई है। यानी प्रति किलो टमाटर की कीमत 1 रुपये से भी कम रह गई है। ऐसे हालात में किसानों को न सिर्फ लागत में नुकसान हो रहा है, बल्कि मंडी तक माल पहुंचाने का भाड़ा तक नहीं निकल पा रहा है।

Read More:Gold Price Today: सोने की कीमतों में जबरदस्त तेजी, क्या है आज का ताज़ा रेट? जानिए पूरी लिस्ट

टमाटर को लेकर किसानों की नाराजगी

टमाटर को लेकर किसानों की यह नाराजगी जायज भी है, क्योंकि जहां एक ओर मंडियों में टमाटर औने-पौने दामों पर बेचे जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर शहर के बाजारों में टमाटर अब भी 15 से 20 रुपये प्रति किलो के भाव पर बिक रहा है। फुटकर विक्रेताओं से कोई यह पूछने को तैयार नहीं है कि मंडी से 1 रुपये किलो में खरीदे गए टमाटर को आखिर आम जनता को इतनी महंगी दर पर क्यों बेचा जा रहा है।

Read More:Share Market Holiday: शेयर बाजार में आई ‘मिनी छुट्टियों’ की सुनामी… निवेशक हैरान

मंडी में किसानों की हालत

बुलंदशहर की मंडी में किसानों की ये हालत कोई पहली बार नहीं है। इससे पहले भी कई राज्यों में टमाटर, आलू, प्याज जैसे जल्दी खराब होने वाली सब्जियों के गिरते दामों से किसान परेशान होते रहे हैं। कई बार उन्हें अपनी उपज खेतों में ही सड़ने के लिए छोड़नी पड़ती है या सड़क किनारे फेंकनी पड़ती है।किसानों की मांग है कि सरकार को फसल की उचित कीमत सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए। MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) जैसी व्यवस्था सिर्फ गेहूं और धान तक सीमित न रहकर सब्जियों पर भी लागू होनी चाहिए, ताकि किसानों को उनकी मेहनत का सही दाम मिल सके और ऐसी निराशाजनक स्थितियों से बचा जा सके।

Share This Article

अपना शहर चुनें

Exit mobile version