ट्रेन में परिवार व बुजुर्गों के साथ जा रहे लोग लोअर सीट लेना ही पंसद करते हैं। वही ट्रेन में रिजर्वेशन करवाने पर अलग-अलग डब्बे होते हैं। इनमें लोअर बर्थ, मिडिल बर्थ और अपर बर्थ होती है। वही बहुत से लोगो कि लोअर बर्थ लेना ज्यादा पंसद होता है।

Indian Railway: ट्रेन में परिवार व बुजुर्गों के साथ जा रहे लोग लोअर सीट लेना ही पंसद करते हैं। इसके सबसे बड़ा फायदा होता है कि आपको सोने क लिए ऊपर चढ़ने की जरूरत नहीं पड़ती। कई मर्तबा हमको ट्रेन टिकट बुक करने के बाद लोअर बर्थ की सीट अलॉट हो जाती है, तो कई बार नहीं। बता दे कि विशेषकर, दिव्यांगों व वरिष्ठ नागरिकों के लिए तो टेढ़ी खीर ही होता है। ऐसे में लोग प्रयास करते हैं कि किसी तरह उन्हें लोअर बर्थ मिल जाए वही अब लोअर बर्थ मिल जाए इलको लेकर रेलवे ने नियम बनाए हुए हैं। इसी के आधार पर लोअर सीट यात्रियों को अलॉट की जाती है। हर श्रेणी में 1-2 लोअर सीटों को खासतौर पर दिव्यांगों के लिए आरक्षित भी किया जाता है।
लोअर बर्थ मिलने की संभावना…

जब भी आप रेलवे टिकट बुक करें तो बुकिंग के दौरान दिव्यांग, गर्भवती या वरिष्ठ नागरिक होने का जरूर उल्लेख करें। इसके जरिए लोअर सीट बुक करने की संभावना को बढ़ाया जा सकता है। वहीं अगर आप इन तीनों कैटेगरी में नहीं आते हैं, तो जब भी आप रेलवे टिकट बुक करें तब प्रिफेरेंस सेट करने का विकल्प आता है। अगर आप प्रिफेरेंस में लोअर बर्थ सेट करते हैं, तो वहां पर आपको लोअर बर्थ मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
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लोअर बर्थ का नियम…

अगर आपकी लोअर सीट है, तो रेलवे के नियम के अनुसार मिडिल बर्थ वाला यात्री अपनी बर्थ पर रात 10 बजे से पहले और सुबह 6 बजे तक ही खोलकर सो सकता है।
आम व्यक्ति कैसे बुक करे लोअर सीट…

एक आम व्यक्ति भी लोअर सीट बुकिंग के अपने चांस बढ़ा सकता है। इसके लिए फॉर्म भरते समय आपको प्रिफेरेंस में लोअर सीट सलेक्ट करना होता है। इसके बाद रेलवे अपने नियम के हिसाब से सीट बुकिंग करता है और सीट उपलब्ध होने पर क्रमवार तरीके से उपरोक्त तीन के बाद आपका नंबर आ सकता है। इस तरीके से आप कंफर्म लोअर बर्थ मिलने की संभावना को बढ़ा सकते हैं।
इन्हें अलॉट होती है लोवर बर्थ…

आईआरसीटीसी ने ट्रेनों में लोअर बर्थ को अलॉट करने के लिए एक विशेष नियम को बना रखा है। रेलवे ने बताया है कि ये लोअर बर्थ शाररिक रूप से दिव्यांग लोगों को पहले दिया जाएगा। इसके बाद सीनियर सिटीजन और महिलाओं को बांटा जाता है। रेलवे बोर्ड के आदेश के मुताबिक, स्लीपर क्लास में दिव्यांग के लिए चार सीट, एसी में दो सीट रिजर्ड रहती है। वहीं अगर कोई गर्भवती महिला है तो उसको भी लोअर बर्थ दी जाती है। टिकट की बुकिंग आप आईआरसीटीसी वेबसाइट पर जाकर करा सकते हैं।
ट्रेन में सोने से जुड़ा नियम…

कई बार देखा है कि दूसरे यात्रा बहुत जल्दी ही मिडिल सीट खोल देते हैं। इससे लोअर सीट पर बैठे व्यक्ति को परेशानी होने लगती है। रेलवे ने इसके लिए भी नियम बनाया हुआ है। मिडिल सीट वाला यात्री रात 10 बजे से पहले और सुबह 6 बजे के बाद अपनी सीट नहीं खोल सकता। हालांकि, अगर आपसी सहमति हो तो ऐसा किया जा सकता है।