आमतौर पर कहा जाता है, कि चीनी की जगह गुड़ का प्रयोग करना चाहिए। गुड़ सेहत के लिए फायदेमंद होता है, जबकि चीनी के सेवन से डायबिटीज का बढ़ता है। पिछले कुछ सालों से डायबिटीज के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इसके बाद लोगों ने चीनी की जगह गुड़ का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। लेकिन क्या गुड़ से वाकई में डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है। क्या गुड़ चीनी का विकल्प हो सकता है? यह समझना जरूरी है। इस लिए आज इस लेख में आपको इस प्रश्न का उत्तर देंगे। चलिए जानते हैं।

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क्या गुड़ के सेवन से शुगर लेवल बढ़ता है?
चीनी की तरह गुड़ भी मीठा होता है, लेकिन दोनों में काफी अंतर होता है। गुड़ में चीनी की तुलना में अधिक पोषक त्तत्व होते हैं, जैसे – आयरन, कैल्शियम, और पोटैशियम। लेकिन इसके बावजूद गुड़ भी ब्लड शुगर लेवल बढ़ाता है। ऐसे में डायबिटीज मरीजों को गुड़ के सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि इसमें शुगर की मात्रा अधिक होती है।

गुड़ की गुणवत्ता का ध्यन रखें
गुड़ का सेवन करने से पहले इसकी गुणवत्ता का ध्यान रखना चाहिए। हमेशा अच्छी गुणवत्ता वाले गुड़ का ही सेवन करना चाहिए। बाजार में मसाले वाला और बिना मसाले वाला गुड़ मिलता है। अपनी जरूरत के मुताबिक इसका चुनाव करें।
पोषण तत्व
गुड़ में चीनी के मुकाबले अधिक मिनरल्स जैसे आयरन, कैल्शियम, और फास्फोरस पाए जाते हैं। इसके अलावा, इसमें कुछ मात्रा में विटामिन B और एंटीऑक्सिडेंट भी होते हैं। इसके सेवन से शरीर को थोड़ा पोषण मिल सकता है, जो कि सफेद चीनी में नहीं होता।
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ग्लाइसेमिक इंडेक्स
गुड़ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) चीनी से थोड़ा कम होता है, जिसका मतलब है कि यह शरीर में शर्करा के स्तर को जल्दी नहीं बढ़ाता। हालांकि, इसका GI अभी भी मध्यम श्रेणी का है, और यह रक्त शर्करा पर असर डाल सकता है।
सेवन की मात्रा
गुड़ में भी कैलोरी और शक्कर की उच्च मात्रा होती है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए जोखिम का कारण बन सकती है। यदि कोई व्यक्ति इसका अधिक सेवन करता है, तो यह भी रक्त शर्करा को बढ़ा सकता है।

डायबिटीज और गुड़
गुड़ का सेवन डायबिटीज के मरीजों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हो सकता। गुड़ में चीनी की मात्रा होती है, जो शरीर में ग्लूकोज के रूप में बदलकर रक्त शर्करा को प्रभावित कर सकती है। हालांकि, चीनी की तुलना में गुड़ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स थोड़ा कम होने के कारण, यदि इसे सीमित मात्रा में लिया जाए, तो यह रक्त शर्करा को तेज़ी से नहीं बढ़ाता, लेकिन फिर भी इसका सेवन मध्यम और नियंत्रित मात्रा में ही करना चाहिए।