Caste Census : कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर जाति जनगणना के मुद्दे पर निशाना साधा है। उन्होंने इस मुद्दे पर संसद में पूछे गए सवाल के बाद मोदी सरकार को विश्वासघात करने के लिए जिम्मेदार ठहराया। राहुल गांधी ने सरकार की नीति को देश के बहुजनों के साथ खुला विश्वासघात करार दिया है।
Caste Census : राहुल गांधी ने सरकार की कार्यशैली पर उठाए सवाल
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया जिसमें उन्होंने संसद में पूछे गए सवाल और सरकार से मिले जवाब की प्रति साझा की। उन्होंने लिखा, “संसद में मैंने सरकार से जाति जनगणना पर सवाल पूछा – उनका जवाब चौंकाने वाला है। न कोई ठोस रूपरेखा, न समयबद्ध योजना, न संसद में चर्चा, और न ही जनता से संवाद। दूसरे राज्यों की सफल जाति जनगणनाओं से सीखने की कोई इच्छा भी नहीं। मोदी सरकार की यह जाति जनगणना देश के बहुजनों के साथ खुला विश्वासघात है।”
Caste Census : राहुल गांधी के सवाल और सरकार का जवाब
राहुल गांधी ने गृह मंत्री अमित शाह से तीन सवाल पूछे थे जिनका जवाब राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने दिया। राहुल ने पहले सवाल में जनगणना के लिए तैयार किए जाने वाले प्रमुख कदमों और संभावित समयसीमा के बारे में पूछा था। दूसरे सवाल में उन्होंने पूछा था कि क्या सरकार जनगणना के सवालों को प्रकाशित करने और उन पर जनप्रतिनिधियों या जनता से इनपुट लेने का विचार कर रही है। तीसरे सवाल में उन्होंने यह पूछा था कि क्या सरकार पिछले जाति सर्वेक्षणों के अनुभवों पर विचार कर रही है।सरकार ने जवाब दिया कि जनगणना 2027 में दो चरणों में होगी। पहले चरण में मकान सूचीकरण और मकानों की गणना की जाएगी जो अप्रैल से सितंबर 2026 तक होगा। दूसरे चरण में जनसंख्या गणना फरवरी 2027 में होगी।
संसद में मैंने सरकार से जाति जनगणना पर सवाल पूछा – उनका जवाब चौंकाने वाला है।
न ठोस रूपरेखा, न समयबद्ध योजना, न संसद में चर्चा, और न ही जनता से संवाद।
दूसरे राज्यों की सफल जाति जनगणनाओं की रणनीति से सीखने की कोई इच्छा भी नहीं।
मोदी सरकार की यह जाति जनगणना देश के बहुजनों के साथ… pic.twitter.com/UW1rxMJFVI
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 3, 2025
जनगणना प्रक्रिया की जानकारी
राहुल गांधी के सवालों का जवाब देते हुए सरकार ने बताया कि जनगणना 2027 के पहले चरण में मकान सूचीकरण और मकानों की गणना की जाएगी, जिसे पूरे देश में 2026 में किया जाएगा। जनसंख्या गणना का दूसरा चरण फरवरी 2027 में होगा। इसके साथ ही, सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि जनगणना के प्रश्नों को अंतिम रूप देने से पहले विभिन्न मंत्रालयों, विभागों और संगठनों से सुझाव लिए जाएंगे।2027 में होने वाली जाति जनगणना को लेकर सरकार ने विशेष रूप से डिजिटल तकनीक का उपयोग करने की योजना बनाई है। इस बार जनगणना में मोबाइल ऐप और पोर्टल के माध्यम से आंकड़े एकत्र किए जाएंगे। यह कदम जनगणना के आंकड़े शीघ्र प्रकाशित करने में मदद करेगा। पहले की जनगणनाओं में आंकड़े आने में कई साल लगते थे, लेकिन इस बार डिजिटल माध्यम से यह समय कम होगा।
चुनौतीपूर्ण होगी जाति जनगणना
यह पहली बार है जब भारत में जातिगत जनगणना होगी, और इसे चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है। सरकार ने विभिन्न राज्य सरकारों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं और इस काम को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इस जनगणना के दौरान जाति आधारित डेटा एकत्र किया जाएगा, जो भविष्य में समाज के विभिन्न वर्गों के लिए विकासात्मक योजनाओं की रूपरेखा तैयार करने में सहायक होगा।
राहुल गांधी ने मोदी सरकार की नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार का जाति जनगणना को लेकर उठाया गया कदम बहुजनों के साथ विश्वासघात है। उन्होंने सरकार से अधिक पारदर्शिता और बहुजन समाज के हित में काम करने की अपील की है। वहीं, सरकार ने जाति जनगणना की प्रक्रिया को डिजिटल तकनीक के जरिए सरल और तेज बनाने का प्रयास किया है, जिससे आंकड़ों को शीघ्र जारी किया जा सके।
