Census: 13 हजार करोड़ की लागत! इस जनगणना में देशवासियों के सामने 6 नए सवाल

Aanchal Singh
Census
Census

Census : पिछली घोषणा के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को गजट अधिसूचना जारी कर जनगणना शुरू होने की घोषणा कर दी। केंद्र सरकार दो चरणों में जनगणना कराएगी। अधिसूचना में कहा गया है कि पहला चरण 1 अक्टूबर 2026 से शुरू होगा। इसमें 4 पहाड़ी राज्य- हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख शामिल हैं। दूसरा चरण 1 मार्च 2027 से शुरू होगा। इसमें देश के बाकी राज्यों में भी जनगणना शुरू होगा। अनुमान है कि जनगणना के आंकड़े 2028 के मध्य तक सामने आ सकते हैं। अगली जनगणना की अनुमानित लागत 13 हजार करोड़ होगी। सरकारी सूत्रों के हवाले से एक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, इस जनगणना में करीब 34 लाख गणनाकार ,पर्यवेक्षक और करीब 1 लाख 30 हजार जनगणना अधिकारी तैनात किए जाएंगे।

Read More : Bomb Threat on IndiGo Flight:इंडिगो की कोच्चि-दिल्ली फ्लाइट में बम की धमकी, नागपुर में करानी पड़ी इमरजेंसी लैंडिंग

ये है ये 6 नए सवाल

जानकारी है कि इस जनगणना में छह नए सवाल पूछे जाएंगे, जैसे- क्या घर में इंटरनेट कनेक्शन है? एक घर में कितने मोबाइल फोन हैं? उनका मालिक कौन है? घर में पीने के पानी का स्रोत क्या है? क्या घर में खाना पकाने के लिए गैस कनेक्शन है? यदि हाँ, तो किस प्रकार का? घर में किस प्रकार का वाहन है? यह भी पूछा जा सकता है कि घर में किस प्रकार की फसलें उपयोग की जाती हैं? इस बीच, पिछले महीने केंद्र ने जनगणना के साथ-साथ जातिगत जनगणना की घोषणा की। मालूम हो कि इस जनगणना चरण में सवाल-जवाब के आधार पर जाति और समुदाय से जुड़ी विभिन्न जानकारियां भी जुटाई जाएंगी। जनगणना तीन मुद्दों पर की जाएगी। एक, घर में कितने लोग हैं, उनके आवासों की संख्या और एक आवास में कितने लोग रहते हैं। यानी देश की आबादी के साथ-साथ कितने घर हैं, यह भी जनगणना में शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही जातिगत जनगणना को भी शामिल किया गया है।

Read More : Sonia Gandhi Health: सोनिया गांधी की तबीयत में सुधार, गंगाराम अस्पताल से जल्द मिल सकती है छुट्टी

जातिगत जनगणना की मांग

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी लंबे समय से जातिगत जनगणना की मांग को लेकर मुखर रहे हैं। यही मांग अन्य विपक्षी दलों की ओर से भी की जा रही थी। केंद्र सरकार के सूत्रों के मुताबिक, जातिगत जनगणना को शामिल किए जाने से इस बार की जनगणना प्रक्रिया काफी लंबी चलने वाली है। क्योंकि, सर्वेक्षण में पहले की तुलना में बहुत अधिक संख्या में प्रश्न जोड़े जा रहे हैं। नतीजतन, लागत भी बढ़ेगी। देश में पिछली जनगणना 2011 में हुई थी। यह हर 10 साल में की जाती है। इस हिसाब से अगली जनगणना 2021 में होनी थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे टाल दिया गया। इस बीच, केंद्र की ओर से जनगणना की अधिसूचना जारी होते ही भाजपा ने कांग्रेस पर हमला बोलना शुरू कर दिया। उसी दिन केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा पिछड़े वर्ग यानी ओबीसी को धोखा दिया है।

Read More : Emergency Landing: 36 घंटे में 3 फ्लाइट्स ने लिया यू-टर्न, एक की इमरजेंसी लैंडिंग! जानें पूरा मामला

Share This Article

अपना शहर चुनें

Exit mobile version