CG Naxal News:नारायणपुर में 29 नक्सलियों का चौंकाने वाला सरेंडर, 7 महिलाएं भी आईं सामने – क्या है इसके पीछे की वजह?

Chhattisgarh के नारायणपुर जिले में 29 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है, जिसमें 7 महिलाएं भी शामिल हैं।

Mona Jha
29 नक्सलियों ने किया सरेंडर
29 नक्सलियों ने किया सरेंडर

Narayanpur News :छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम सामने आया है, जहां 29 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें 22 पुरुष और 7 महिलाएं शामिल हैं। यह सरेंडर कुतुल एरिया कमेटी के नक्सलियों द्वारा किया गया, जिन्होंने नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार के सामने अपनी आत्मसमर्पण की घोषणा की।

Read more :Poonam Pandey ने Mahakumbh में लगाई डुबकी, बोट में बैठकर की सैर…शेयर की तस्वीरें…

सरेंडर के कारण: विकास कार्यों का असर

नारायणपुर के एसपी प्रभात कुमार ने बताया कि इस सरेंडर का सबसे बड़ा कारण जिले में चल रहे विकास कार्य हैं। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में तेजी से बन रही सड़कें और गांवों तक पहुंचती विभिन्न सुविधाएं नक्सलियों को प्रभावित कर रही हैं। यह विकास कार्य नक्सलियों के विचारों से मोहभंग का कारण बने हैं, क्योंकि अब उन्हें यह महसूस होने लगा है कि उनका संघर्ष पहले जैसा नहीं रहा है और इन विकास कार्यों से क्षेत्र में बदलाव आ रहा है।

Read more :Mahakumbh 2025: संगम तक कैसे पहुंचे श्रद्धालु… कितने किलोमीटर चलना होगा पैदल ?

पुलिस प्रशासन की पहल

नारायणपुर जिले में पुलिस प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे विकास कार्यों ने नक्सलियों के मनोबल को तोड़ा और उन्हें मुख्यधारा से जुड़ने का एक अवसर दिया। इलाके में बेहतर सड़कें, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और अन्य बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता ने नक्सलियों को अपने विचारों पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित किया। पुलिस प्रशासन ने इस क्षेत्र में एक मजबूत नेटवर्क तैयार किया है, जो नक्सलियों को मुठभेड़ों के बजाय आत्मसमर्पण करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

Read more :Mahakumbh 2025: संगम तक कैसे पहुंचे श्रद्धालु… कितने किलोमीटर चलना होगा पैदल ?

नक्सलियों के सरेंडर की प्रक्रिया

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में 22 पुरुष और 7 महिलाएं शामिल हैं। इन नक्सलियों ने अपनी जीवनशैली और संघर्ष को छोड़कर पुलिस के समक्ष सरेंडर किया है। यह सरेंडर एक सकारात्मक संकेत है, क्योंकि यह दर्शाता है कि विकास और सुरक्षा के प्रयासों के माध्यम से नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई को नई दिशा मिल रही है।

Share This Article

अपना शहर चुनें

Exit mobile version