Chachi Bhatija Affair: बिहार के जमुई जिले के सिकहरिया गांव से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने पारिवारिक रिश्तों और सामाजिक मर्यादाओं को हिला कर रख दिया है। एक विवाहित महिला ने अपने ही पति के भतीजे से प्रेम संबंध बनाकर मंदिर में शादी रचा ली। यह प्रेम कहानी अब सिर्फ गांव तक सीमित नहीं रह गई, बल्कि पूरे राज्य में चर्चा का विषय बन गई है।
आठ साल पहले हुई थी शादी, चार साल की बेटी भी है
आपको बता दे कि, महिला की पहचान आयुषी कुमारी के रूप में हुई है, जिसकी शादी आठ साल पहले विशाल दुबे से हुई थी। दोनों की एक चार साल की बेटी है। उनका वैवाहिक जीवन सामान्य चल रहा था, लेकिन दो साल पहले आयुषी की जिंदगी में सचिन दुबे नामक युवक की एंट्री हुई, जो कि विशाल का दूर का भतीजा है।
सोशल मीडिया से शुरू हुआ प्रेम, फिर भागकर की शादी
सचिन और आयुषी की बातचीत सोशल मीडिया के माध्यम से शुरू हुई, जो जल्द ही प्रेम संबंध में बदल गई। धीरे-धीरे आयुषी ने अपने पति और बच्ची को छोड़ने का फैसला लिया और 15 जून 2025 को सचिन के साथ घर से फरार हो गई।
बेटी को भी साथ रखने से किया इनकार
विशाल दुबे ने जमुई पुलिस में पत्नी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद आयुषी और सचिन ने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। आयुषी ने कोर्ट में साफ कहा कि वह अब सचिन के साथ रहना चाहती है और बेटी को भी अपने साथ नहीं रखना चाहती। 20 जून को गांव के शिव मंदिर में आयुषी और सचिन ने शादी रचा ली। हैरानी की बात यह रही कि इस मौके पर आयुषी का पहला पति विशाल भी मौजूद था। शादी के बाद मीडिया से बातचीत में आयुषी ने कहा, “प्यार किसी से भी हो सकता है, अब नया वाला ही सबकुछ है।”
विशाल ने दिखाया संयम, ग्रामीणों ने जताया विरोध
विशाल ने भी संयम दिखाते हुए कहा कि अगर आयुषी की खुशी इसी में है तो वह रोकने वाला कौन होता है। हालांकि, उन्होंने आयुषी द्वारा लगाए गए घरेलू हिंसा के आरोपों को खारिज कर दिया। इस वीडियो के वायरल होने के बाद गांव वालों ने दोनों को गांव छोड़ने का फरमान सुना दिया। जमुई पुलिस के थानाध्यक्ष अमरेंद्र कुमार ने कहा कि दोनों बालिग हैं और आपसी सहमति से साथ रह रहे हैं, इसलिए कोई कानूनी अड़चन नहीं है। कोर्ट में भी दोनों ने साथ रहने की इच्छा जताई है।
प्रेम की परिभाषा या सामाजिक मर्यादा का उल्लंघन?
यह मामला बिहार में उन घटनाओं में शामिल हो गया है, जो पारंपरिक रिश्तों और सामाजिक मान्यताओं को चुनौती देती हैं। अब समाज के सामने यह मूलभूत सवाल है — क्या प्यार की कोई सीमा नहीं होती? और क्या सामाजिक मर्यादाओं को तोड़ना जायज है?
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