Chaitanya Baghel arrest :छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2100 करोड़ के शराब घोटाले में बड़ा मोड़ तब आया जब शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निवास पर दबिश दी। ईडी ने पूछताछ के बाद उनके बेटे चैतन्य बघेल को हिरासत में लेकर रायपुर लाया और कोर्ट में पेश किया। रायपुर जिला अदालत ने चैतन्य को 5 दिन की ईडी रिमांड में भेजा है। चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी की खबर लगते ही कांग्रेस में उबाल आ गया। पार्टी ने इस कार्रवाई को केंद्र सरकार की ‘राजनीतिक बदले की कार्रवाई’ करार दिया। खुद भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत और अन्य कांग्रेस विधायक कोर्ट पहुंचे और चैतन्य की पेशी के दौरान वहां डटे रहे। कांग्रेस नेताओं ने इसे लोकतंत्र के खिलाफ बताया और विरोध प्रदर्शन का एलान किया।
विधानसभा में कांग्रेस ने किया वॉकआउट
चैतन्य की गिरफ्तारी की गूंज छत्तीसगढ़ विधानसभा तक भी पहुंची। कांग्रेस विधायकों ने इसे सदन में जोर-शोर से उठाया, लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस जवाब नहीं मिला। इस पर नाराज कांग्रेस विधायक वॉकआउट कर गए और सरकार पर लोकतांत्रिक संस्थाओं के दुरुपयोग का आरोप लगाया। रायपुर कोर्ट में ईडी ने बताया कि चैतन्य बघेल से शराब घोटाले के सिलसिले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को लेकर गहन पूछताछ की जानी है। जांच एजेंसी ने कहा कि कई दस्तावेजों और लेन-देन की जानकारी चैतन्य के साथ सीधी पूछताछ के जरिए ही स्पष्ट हो सकती है। कोर्ट ने इन दलीलों को स्वीकारते हुए 5 दिन की रिमांड मंजूर की।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का विरोध
जब ईडी की टीम चैतन्य को लेकर भिलाई से रवाना हो रही थी, तब कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ईडी की गाड़ी को घेर लिया। जोरदार नारेबाजी और हंगामे के बीच पुलिस को मोर्चा संभालना पड़ा। काफी मशक्कत के बाद ईडी की टीम चैतन्य को रायपुर ले जाने में सफल रही। यह पूरा मामला एक संगठित शराब सिंडिकेट से जुड़ा है, जो छत्तीसगढ़ में अवैध शराब बिक्री, एक्साइज चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग से ताल्लुक रखता है। इस मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। उन्हें कोर्ट ने जेल भेज दिया है। अब चैतन्य बघेल इस घोटाले में अगला बड़ा नाम हैं, जिनकी गिरफ्तारी ने राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है।
राजनीति में तूफान, आगे और गरमाएगा मामला
चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है। जहां ईडी इसे घोटाले की जांच में जरूरी कार्रवाई मान रही है, वहीं कांग्रेस इसे साजिश करार दे रही है। आने वाले दिनों में यह मामला और तूल पकड़ सकता है। ईडी की अगली कार्रवाइयों पर सभी की निगाहें टिकी होंगी। चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी और कांग्रेस का विरोध छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक बड़ा भूचाल साबित हो सकता है। ईडी की जांच और कांग्रेस के आंदोलन के बीच यह देखना दिलचस्प होगा कि सच्चाई की परतें किसके पक्ष में खुलती हैं-जांच एजेंसियों की या राजनीतिक विरोध की।

