Chamba Earthquake: हिमाचल प्रदेश में हो रही बारिश और भूस्खलन ने पहले ही जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर रखा है और अब चंबा में भूकंप के झटकों से लोगों की परेशानियां और बढ़ गई हैं। आज सुबह 6 बजकर 23 मिनट पर चंबा जिले में रिक्टर स्केल पर 3.5 तीव्रता वाले भूकंप के झटके महसूस किए गए। बता दें कि भूकंप के ये झटके कुछ समय तक रहे और उनका असर चंबा सहित वहां के आसपास के क्षेत्रों में भी देखने को मिला।
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लोग घरों से बाहर निकले

भूकंप के झटके इतने तेज थे कि कई लोग घबराकर अपने घरों से बाहर आकर खुले स्थानों में शरण ली। राहत की बात यह रही कि इन झटकों से किसी तरह के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने जानकारी दी कि भूकंप का केंद्र चंबा जिले में 32.36° उत्तरी अक्षांश और 76.18° पूर्वी देशांतर पर स्थित था, जिसकी गहराई 5 किलोमीटर मापी गई।
हिमाचल भूकंप के अति संवेदनशील जोन में
हिमाचल प्रदेश पहले से ही भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील जोन 4 और जोन 5 में आता है। राज्य में समय-समय पर कम तीव्रता के भूकंप आते रहे हैं। साल 1905 में कांगड़ा और चंबा जिलों में आए विनाशकारी भूकंप में 10,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी थी। इस वजह से हर झटका यहां के लोगों के लिए डर का कारण बन जाता है, भले ही उसका प्रभाव सीमित क्यों न हो।
भारी बारिश का येलो अलर्ट
मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। बताया गया है कि 16 जुलाई तक राज्य के कुछ हिस्सों में भारी वर्षा हो सकती है। राजधानी शिमला समेत अन्य क्षेत्रों में सुबह बादल छाए रहे और बीती रात बारिश भी हुई।
इस बार प्रदेश में मॉनसून सामान्य से 23 प्रतिशत ज्यादा वर्षा लेकर आया है, जिससे जन-धन की भारी हानि हो रही है। 20 जून को मानसून की दस्तक के बाद से प्रदेश में बारिश जनित हादसों में 91 लोगों की जान जा चुकी है।
सबसे ज्यादा तबाही मंडी जिले में
प्रदेश में सबसे ज्यादा तबाही मंडी जिले में देखी गई है, जहां 30 जून की रात बादल फटने की 12 घटनाओं ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया। मंडी जिले में अब तक 21 लोगों की मौत हो चुकी है और 27 लोग लापता बताए जा रहे हैं।

