Chhangur Baba: धर्मांतरण के नाम पर चल रहे एक संगठित नेटवर्क के पर्दाफाश के बाद उत्तर प्रदेश के छांगुर बाबा फिर से सुर्खियों में आ गए हैं. बाबा द्वारा बांटी गई एक किताब की सामग्री सामने आने के बाद यह मामला एक नए मोड़ पर पहुंच गया है. इस किताब में लिखी बातें केवल धार्मिक उपदेश नहीं, बल्कि समाज के कमजोर वर्गों को प्रभावित करने और उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करने का साधन प्रतीत हो रही हैं.
धर्मांतरण को बढ़ावा देने वाली सामग्री से भरी थी किताब
जांच एजेंसियों के अनुसार, छांगुर बाबा की किताब में कई ऐसे अंश पाए गए हैं जो स्पष्ट रूप से धर्मांतरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिखे गए हैं. इसमें लिखा गया है कि “अल्लाह ने इस्लाम कबूल करने वालों को नहरों से भरी जन्नत में बेहतरीन घर देने का वादा किया है.” साथ ही यह भी कहा गया कि पाक नीयत से इस्लाम अपनाना, दुनिया की सारी दौलत से बेहतर है। इन पंक्तियों के ज़रिये पाठकों के मन में लालच और भय दोनों पैदा करने की कोशिश की गई है.
शरिया की वकालत और सत्ता से वंचित रखने की शिकायतें
किताब में दावा किया गया है कि “अल्लाह के बंदों को अहम पदों से जानबूझकर दूर रखा गया ताकि शरिया लागू न हो सके।” इस बयान के ज़रिये धार्मिक असंतोष और सत्ता के प्रति अविश्वास फैलाने की कोशिश की गई है। यह बात देश की संवैधानिक व्यवस्था और सामाजिक सद्भाव के लिए चुनौती बन सकती है।
डर और लालच से लोगों को आकर्षित करने की कोशिश
किताब में बार-बार यह संदेश दिया गया कि “आपके दुःख खत्म हो सकते हैं अगर आप अल्लाह की पनाह में आ जाएं।” साथ ही यह भी लिखा गया कि “आपके दुश्मन नर्क में पहुंच जाएंगे।” इन पंक्तियों से स्पष्ट है कि पाठकों को डर और लालच के ज़रिए इस्लाम अपनाने की दिशा में प्रेरित किया जा रहा है।
लाहौर की किताब से ली गई सामग्री
जांच में सामने आया है कि इस किताब की कई बातें लाहौर पब्लिकेशन से छपी एक किताब से हूबहू ली गई थीं। इन अंशों को जोड़कर छांगुर बाबा ने अपनी किताब तैयार की और उसे अलग नाम से सीमावर्ती इलाकों में बांटना शुरू किया। नेपाल सीमा से लगे गांवों में इसे बड़े पैमाने पर बांटा जा रहा था, जिससे अंदेशा है कि इन इलाकों में धार्मिक आधार पर जनसंख्या संतुलन प्रभावित करने की रणनीति काम कर रही थी।
रशीद के कबूलनामे से खुली रणनीति की पोल
रशीद नामक व्यक्ति ने जांच एजेंसियों को बताया कि इस किताब की सामग्री पहले से तय थी और इसका उद्देश्य साफ था—लोगों को एक खास विचारधारा की ओर मोड़ना। उसने यह भी बताया कि यह किताब हर गांव तक पहुंचाई जा रही थी, खासकर नेपाल सीमा के आस-पास के क्षेत्रों में, जहां कमजोर वर्गों को निशाना बनाया गया।
ग़ज़वा ए हिंद का जिक्र और राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरे की घंटी
सबसे चौंकाने वाला अंश किताब में वह पाया गया जिसमें लिखा था, “आपका यह जन्म इस मुल्क में ग़ज़वा ए हिंद के मकसद के लिए हुआ है।” यह वाक्य न केवल सांप्रदायिक भावना भड़काता है, बल्कि यह देश की सुरक्षा व्यवस्था के लिए भी गंभीर चुनौती मानी जा रही है। जांच एजेंसियों का मानना है कि यह एक लंबे समय से चल रही रणनीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य लोगों के मन में कट्टरपंथी विचारधारा बैठाना है।
छांगुर बाबा की किताब के खुलासे ने धर्मांतरण नेटवर्क की गहराई और उसकी रणनीति को सामने ला दिया है। यह मामला अब केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा गंभीर विषय बन गया है। जांच एजेंसियों की रिपोर्ट आने के बाद और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है।
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