Chatth Puja 2025: सनातन धर्म में पर्व त्योहारों की कमी नहीं है और सभी का अपना महत्व भी होता है। लेकिन छठ को बेहद ही खास माना जाता है जो कि महापर्व कहलाता है। यह पर्व भगवान सूर्यदेव को समर्पित होता है और पूरे चार दिनों तक चलता है। जिसका इंतजार लोगों को पूरे साल रहता है। यह पर्व विशेष रूप से बिहार और उत्तरप्रदेश में मनाया जाता है लेकिन अब देश के कई हिस्सों में इसे मनाया जाने लगा है।
छठ पूजा को सूर्य षष्ठी, छठ, छठी, छठ पर्व, डाला पूजा और डाला छठ आदि के नाम से जाना जाता है। छठ व्रत को सबसे व्रतों में सबसे कठिन बताया गया है, दौरान लोग दिनभर उपवास रखकर पूजा पाठ करते हैं। तो हम आपको छठ पर्व की तारीख और इससे जुड़ी अन्य जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
Read more: Aaj Ka Rashifal: जुलाई के आखिरी दिन इन राशियों को मिलेगी गुड न्यूज़, पढ़ें गुरुवार का दैनिक राशिफल
छठ पूजा की तिथि

हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ का त्योहार मनाया जाता है। जो कि पूरे चार दिनों तक चलता है इन चार दिनों में पहला दिन नहाय खाय होता है। छठ के दूसरे दिन को खरना कहा जाता है। इसके अलावा छठ का तीसरा दिन संध्या अर्घ्य होता है। छठ का आखिरी और चौथा दिन सुबह अर्घ्य होता है।
नहाय खास की तारीख
इस साल छठ महापर्व की शुरुआत 25 अक्टूबर 2025 शनिवार के दिन से हो जाएगी। पहला दिन छठ पूजा में नहाय खाय कहलाता है। इस दिन छठ करने वाली महिलाएं नहा धोकर पवित्र होती है और भगवान की पूजा करती हैं। नहाय खाय वाले दिन घीया और चने की दाल से भोजन बनाया जाता है।
कब है खरना
छठ महापर्व का दूसरे दिन को खरना कहा जाता है इस साल खरना 26 अक्टूबर 2025 दिन रविवार के दिन है। इस दिन महिलाएं निर्जला उपवास करती है और शाम को गुड़ की खीर और रोटी भगवान को अर्पित की जाती है, इसे प्रसाद के रूप में बांटा जाता है।
संध्या अर्घ्य की तिथि
बता दें कि छठ महापर्व का तीसरा दिन संध्या अर्घ्य है। इस बार संध्या अर्घ्य 27 अक्टूबर दिन सोमवार को किया जाएगा। इस दिन महिलाएं सूर्यास्त के समय पानी के किनारे डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है।
उषा अर्घ्य कब?
छठ महापर्व का चौथा और आखिरी दिन 28 अक्टूबर मंगलवार को है। इस दिन को उषा अर्घ्य कहा जाता है इस दिन महिलाएं उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है इसके बाद व्रत का पारण भी किया जाएगा।

Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है। प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।

