Chhattisgarh Encounter : छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के घने जंगलों वाले अबूझमाड़ क्षेत्र में शुक्रवार दोपहर सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ हुई। इस ऑपरेशन में सुरक्षाबलों ने छह नक्सलियों को ढेर कर दिया है। घटनास्थल से सभी नक्सलियों के शव बरामद कर लिए गए हैं। बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी ने मुठभेड़ की पुष्टि करते हुए बताया कि मारे गए नक्सलियों के पास से अत्याधुनिक हथियार और गोला-बारूद बरामद हुए हैं।
हथियार बरामद
मुठभेड़ स्थल से पुलिस ने AK-47, SLR राइफल और अन्य ऑटोमैटिक हथियार बरामद किए हैं। इसके अलावा, नक्सलियों के पास से विस्फोटक सामग्री और दैनिक उपयोग की चीजें भी मिली हैं, जो इस बात की ओर इशारा करती हैं कि वे लंबे समय से जंगल में सक्रिय थे। सुरक्षाबलों का सर्च ऑपरेशन अब भी इलाके में जारी है ताकि संभावित अन्य नक्सलियों की तलाश की जा सके।
खुफिया इनपुट के आधार पर शुरू हुई थी कार्रवाई
सुरक्षाबलों को खुफिया सूत्रों से माओवादियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी, जिसके आधार पर डीआरजी, एसटीएफ और सीएएफ की संयुक्त टीमों ने सर्चिंग अभियान शुरू किया। सर्च ऑपरेशन के दौरान अचानक नक्सलियों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद जवानों ने जवाबी फायरिंग की और छह नक्सलियों को मार गिराया। आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि जवानों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मुठभेड़ से जुड़ी विस्तृत जानकारी अभी साझा नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि सर्च ऑपरेशन अभी जारी है और जैसे-जैसे जानकारी सामने आती है, उसे सार्वजनिक किया जाएगा।
अबूझमाड़ पहले भी बना है मुठभेड़ का गवाह
अबूझमाड़ का इलाका नक्सली गतिविधियों के लिए कुख्यात रहा है। इससे पहले भी यहां कई बड़ी मुठभेड़ें हो चुकी हैं। 26 जून को इसी क्षेत्र में दो महिला नक्सलियों को मार गिराया गया था। इनमें एक सीमा थी, जो कुटुल एरिया कमेटी मेंबर थी और उस पर पांच लाख रुपये का इनाम था। दूसरी महिला लिंगे उर्फ़ रांझू, पार्टी मेंबर थी, जिस पर एक लाख रुपये का इनाम था। 5 जुलाई को बीजापुर जिले में भी एक मुठभेड़ के दौरान एक नक्सली मारा गया था। जवानों ने मौके से शव के साथ हथियार भी बरामद किए थे। बस्तर क्षेत्र में लगातार हो रही मुठभेड़ों से साफ है कि सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खिलाफ अभियान को और तेज कर दिया है।
अमित शाह की चेतावनी के बाद ऑपरेशन में आई तेजी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 2024 में रायपुर और जगदलपुर की यात्राओं के दौरान नक्सलियों को सख्त संदेश दिया था। उन्होंने मंच से कहा था कि जो हथियार डाल देंगे, उन्हें अवसर मिलेगा, लेकिन हिंसा करेंगे तो जवाब मिलेगा। शाह ने मार्च 2026 तक पूरे देश से नक्सलवाद के सफाए का लक्ष्य भी तय किया है। इसके बाद से बस्तर संभाग में सुरक्षाबलों की कार्रवाई और अधिक तीव्र हो गई है। अबूझमाड़ की मुठभेड़ ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए सरकार और सुरक्षाबल पूरी प्रतिबद्धता के साथ लगे हैं। आने वाले समय में इस तरह की कार्रवाई और भी तेज़ होने की संभावना है।