CG Rajyotsav 2025: छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवा रायपुर में नए विधानसभा भवन का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज का दिन राज्य और देश के लिए स्वर्णिम शुरुआत का प्रतीक है। पीएम मोदी ने बताया कि उनके लिए यह पल व्यक्तिगत रूप से भी बेहद खास है, क्योंकि उन्होंने एक कार्यकर्ता के रूप में छत्तीसगढ़ में लंबे समय तक सेवा की है और इस धरती से बहुत कुछ सीखा है।
संविधान निर्माताओं और संतों को श्रद्धांजलि
पीएम मोदी ने कहा कि 2025 भारत के गणतंत्र का अमृत वर्ष है। 75 साल पहले देश ने संविधान को अपनाया था और इसे बनाने में अनेक क्रांतिकारी और समाजसेवी योगदान दिए। इस अवसर पर उन्होंने रविशंकर शुक्ल, बैरिस्टर छेदीलाल, किशोरीमोहन त्रिपाठी, रामप्रसाद पोटाय और रघुराज जी को श्रद्धांजलि दी। साथ ही उन्होंने संत गुरु घासीदास को भी याद किया, जिन्होंने समाज सुधार और आध्यात्मिक चेतना में अहम भूमिका निभाई।
सुरक्षा व्यवस्था और हाउस अरेस्ट
विधानसभा परिसर में प्रवेश के दौरान सुरक्षा को कड़ा रखा गया। नेताओं और आम नागरिकों को गमछा लेकर जाने की अनुमति नहीं थी। वहीं, रायपुर में पीएम की सुरक्षा ड्यूटी में तैनात एक आरक्षक की मौत हो गई, जो आयोजन के दौरान दुखद घटना बनी। इसके अलावा, काले कपड़े पहनने पर पूर्व नेता अमित जोगी को हाउस अरेस्ट किया गया।
बच्चों और स्वास्थ्य संस्थानों से पीएम का जुड़ाव
लोकसभा चुनावी और विधानसभा उद्घाटन से पहले पीएम मोदी ने नवा रायपुर स्थित सत्य साई संजीवनी हॉस्पिटल का दौरा किया। यहां उन्होंने उन 2,500 बच्चों से मुलाकात की, जिनकी हृदय सर्जरी इस संस्थान में नि:शुल्क की गई थी। पीएम ने एक बच्चे को गले लगाकर अपना स्नेह व्यक्त किया। इसके अलावा उन्होंने पद्म विभूषण तीजन बाई और लेखक पद्म भूषण विनोद कुमार शुक्ल का हालचाल भी जाना।
नए विधानसभा भवन का महत्व
नई विधानसभा भवन की स्थापना छत्तीसगढ़ के विकास और लोकतांत्रिक संस्थाओं की मजबूती का प्रतीक है। पीएम मोदी ने इसे राज्य के भविष्य और प्रगतिशील सोच का उदाहरण बताया। उनका कहना था कि यह भवन केवल प्रशासनिक केंद्र नहीं, बल्कि राज्य के इतिहास और सांस्कृतिक गौरव का भी प्रतीक है।
छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी का नया विधानसभा भवन उद्घाटन और बच्चों के साथ मिलना, राज्य की लोकतांत्रिक और सामाजिक प्रगति दोनों को दर्शाता है। साथ ही संविधान निर्माताओं और संतों को श्रद्धांजलि देने का उनका प्रयास युवा पीढ़ी में राष्ट्रभक्ति और सामाजिक चेतना बढ़ाने वाला कदम है।
