Children’s Day 2025: क्यों और कैसे मनाते हैं बाल दिवस? जानें उद्देश्य और महत्व

यह दिन बच्चों के अधिकारों, शिक्षा और उनके उज्ज्वल भविष्य को समर्पित होता है। चाचा नेहरू बच्चों को देश की असली ताकत मानते थे, इसलिए उनकी जन्मतिथि को बाल दिवस के रूप में चुना गया। स्कूलों में इस दिन विशेष कार्यक्रम, खेल, नृत्य और प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं ताकि बच्चों की रचनात्मकता और खुशियों को सम्मान दिया जा सके.

Nivedita Kasaudhan
Children's Day 2025
क्यों और कैसे मनाते हैं बाल दिवस?

Children’s Day 2025: हर साल 14 नवंबर को पूरे भारत में बाल दिवस मनाया जाता है। यह अवसर सिर्फ बच्चों की खुशियों और बचपन की मासूमियत का जश्न नहीं, बल्कि इस सच्चाई का स्मरण भी है कि बच्चे ही किसी भी देश का भविष्य होते हैं। उनकी रचनात्मकता, सपने और ऊर्जा ही भारत की वास्तविक शक्ति हैं। बाल दिवस के माध्यम से राष्ट्र को यह याद दिलाया जाता है कि बच्चों को केवल सुरक्षा ही नहीं, बल्कि सम्मान, अवसर और सुरक्षित माहौल देने की जिम्मेदारी हर नागरिक की है। बच्चों की हंसी किसी भी देश की सबसे मूल्यवान पूंजी होती है, जिसे सुरक्षित रखना समाज का सामूहिक दायित्व है।

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‘चाचा नेहरू’ और बच्चों के प्रति उनकी विशेष सोच

Children's Day 2025
क्यों और कैसे मनाते हैं बाल दिवस?

बताते चले कि, पंडित जवाहरलाल नेहरू बच्चों को देश के भविष्य की नींव के रूप में देखते थे। उनका मानना था कि बच्चे उस मिट्टी की तरह हैं, जिससे आने वाले समय की मजबूत इमारत तैयार होती है। नेहरू जी का विश्वास था कि बच्चों को सिर्फ पढ़ाया-लिखाया ही नहीं जाना चाहिए, बल्कि उन्हें स्वतंत्र रूप से सोचने, कल्पना करने और बड़े सपने देखने की स्वतंत्रता भी मिलनी चाहिए। बच्चों के प्रति उनके प्रेम और लगाव की वजह से ही पूरा देश उन्हें प्यार से ‘चाचा नेहरू’ कहकर पहचानता है।

14 नवंबर को क्यों मनाया जाता है बाल दिवस ?

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि, भारत में बाल दिवस 14 नवंबर को मनाए जाने का निर्णय पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती से जुड़ा है। शुरुआत में, वर्ष 1956 से भारत में 20 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता था, जिसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित यूनिवर्सल चिल्ड्रन्स डे का दर्जा प्राप्त था। लेकिन 27 मई 1964 को नेहरू जी के निधन के बाद, बच्चों के प्रति उनके प्रेम और योगदान को सम्मान देने के लिए उनकी जयंती को भारत में राष्ट्रीय बाल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। तब से हर वर्ष यह दिन बाल अधिकारों और बाल कल्याण को समर्पित किया जाता है।

बाल दिवस का प्रमुख उद्देश्य ?

बाल दिवस का प्रमुख उद्देश्य है—देश में बच्चों के अधिकारों, शिक्षा, सुरक्षा और उनके समग्र विकास के प्रति जागरूकता फैलाना। यह दिन बाल श्रम, बाल उत्पीड़न, भेदभाव और अन्य सामाजिक समस्याओं के खिलाफ आवाज उठाने का अवसर देता है। बाल दिवस समाज को यह संदेश देता है कि हर बच्चे को समान अवसर, सम्मान, प्यार और अपनी प्रतिभा को निखारने का मौका मिलना चाहिए। बच्चों का स्वस्थ बचपन ही किसी भी राष्ट्र की प्रगति और समृद्धि की आधारशिला होता है।

विभिन्न संस्थानों में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन

बाल दिवस के अवसर पर देशभर के स्कूलों, कॉलेजों और विभिन्न संस्थानों में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, खेल प्रतियोगिताएँ, ड्रॉइंग, निबंध लेखन, क्विज़ और क्रिएटिव क्लास गतिविधियों के माध्यम से बच्चों की प्रतिभा को उजागर किया जाता है। कई स्थानों पर शिक्षक और अभिभावक बच्चों को उपहार और मिठाइयाँ देकर इस दिन को खास बनाते हैं। मीडिया और सोशल प्लेटफॉर्म भी बच्चों के अधिकारों और उनके कल्याण से जुड़े संदेशों से भरे रहते हैं।

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