Wang Yi India Visit: चीनी विदेश मंत्री वांग यी तीन दिवसीय भारत दौरे पर पहुंचे, कांग्रेस ने मोदी सरकार पर बोला हमला

Chandan Das
Jairam Wang

Wang Yi India Visit: चीनी विदेश मंत्री वांग यी सोमवार को तीन दिवसीय भारत दौरे पर नई दिल्ली पहुंचे हैं। इस दौरान वह भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से अहम द्विपक्षीय बातचीत करेंगे। वांग यी की यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत-चीन संबंध तनावपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं।

जयराम रमेश का तीखा हमला

चीन के विदेश मंत्री के दौरे से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने प्रधानमंत्री के 19 जून 2020 के उस बयान को लेकर निशाना साधा, जिसमें उन्होंने कहा था, “न कोई हमारी सीमा में घुस आया है, न ही कोई घुसा हुआ है।” रमेश ने इसे “कुख्यात क्लीन चिट” करार दिया और कहा कि भारत आज उसी बयान की कीमत चुका रहा है।

पाकिस्तान को चीन ने दी सैन्य मदद: जयराम रमेश

जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच X पर लिखा कि चीन ने हाल ही में पाकिस्तान को “ऑपरेशन सिंदूर” के दौरान पूरी सैन्य सहायता दी थी। इस सहायता में J-10C लड़ाकू विमान, PL-15 मिसाइलें और अन्य ड्रोन शामिल थे। रमेश ने उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर. सिंह के 4 जुलाई के बयान का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने बताया था कि चीन ने पाकिस्तान को भारत के खिलाफ ‘लाइव इंटेलिजेंस’ भी दी थी। उन्होंने कहा कि चीन “विरोधियों” में शामिल था, जिनसे भारत इस सैन्य ऑपरेशन के दौरान लड़ रहा था।

भारत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है चीन का मेदोग बांध

कांग्रेस नेता ने चेताया कि चीन ने यारलुंग त्संगपो नदी पर 60 गीगावाट क्षमता वाले मेदोग बांध का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है, जिसका प्रभाव भारत की जल सुरक्षा पर गहरा पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना भारत के लिए रणनीतिक और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से गंभीर खतरा बन सकती है। जयराम रमेश ने केंद्र सरकार द्वारा अक्टूबर 2024 में चीन के साथ हुए “डिसएंगेजमेंट” समझौते की आलोचना करते हुए कहा कि इसके चलते अब भारतीय सैनिकों को देपसांग, देमचोक और चुशूल जैसे क्षेत्रों में गश्त के लिए चीनी सहमति की आवश्यकता होती है। उन्होंने इसे सेना की इच्छाओं के खिलाफ बताया और कहा कि भारतीय सेना अप्रैल 2020 की स्थिति की बहाली चाहती थी, लेकिन सरकार ने पीछे हटकर चीन को बढ़त दी।

गलवान में बना बफर जोन भारत की स्थिति को कमजोर करता है: रमेश

रमेश ने आगे आरोप लगाया कि भारत सरकार ने गलवान, हॉट स्प्रिंग और पैंगोंग त्सो क्षेत्रों में बफर जोन बनाने पर भी सहमति जताई है, जो भारत के दावे वाली वास्तविक नियंत्रण रेखा के भीतर आते हैं। उन्होंने कहा कि यह समझौता चीन के आक्रमण से पहले की यथास्थिति से काफी दूर है और इससे भारतीय दावों को नुकसान हुआ है। कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री मोदी के 2020 के बयान को “कायरता भरा” करार देते हुए कहा कि यह जून 2020 में गलवान में शहीद हुए 20 भारतीय सैनिकों के बलिदान का अपमान है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत को अब उस बयान की रणनीतिक कीमत चुकानी पड़ रही है, जिसने चीन को एक तरह की क्लीन चिट दे दी थी।

जयराम रमेश के इन बयानों ने एक बार फिर भारत-चीन संबंधों की जमीनी हकीकत और सरकार की विदेश नीति पर बहस छेड़ दी है, खासकर ऐसे समय में जब दोनों देशों के शीर्ष राजनयिकों की मुलाकात होने वाली है।

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