Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद एक बड़ी सियासी बहस छिड़ी हुई है। विपक्ष लगातार यह दावा कर रहा है कि चुनाव से पहले महिलाओं के खातों में ₹10 हजार की राशि ट्रांसफर किए जाने की वजह से ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को ऐतिहासिक जीत मिली है। इस चुनावी परिणाम की गुत्थी सुलझाने के माहौल में, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने न सिर्फ विपक्ष के दावों पर तंज कसा, बल्कि NDA सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं और बिहार के विकास को लेकर भी कई बड़े दावे किए हैं।
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विपक्ष के ’10 हजार रुपए’ वाले जीत के दावे पर चिराग का तंज
बताते चले कि, विपक्ष द्वारा लगातार की जा रही घेराबंदी और ₹10,000 की राशि को NDA की जीत का सबसे बड़ा कारण बताने पर, चिराग पासवान ने तीखा पलटवार किया है। एक न्यूज चैनल को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने विपक्ष के इस तर्क को सिरे से खारिज कर दिया। चिराग पासवान ने कहा, “विपक्ष के साथ सबसे बड़ी समस्या यही है कि वह बहाने पर बहाने ढूंढेंगे। आत्ममंथन नहीं करते हैं कि आप कहां कमजोर पड़े, आपसे कहां चूक हो गई कि जनता ने आपको इतनी बुरी तरीके से नकार दिया।” उन्होंने विपक्ष को सिर्फ 2025 ही नहीं, बल्कि 2020, 2015 और 2010 के चुनावी नतीजों का भी पुनर्विचार करने की सलाह दी, ताकि वे अपनी चुनावी गलती पहचान सकें।
चिराग पासवान ने बताया 2015-2020 का गणित
चिराग पासवान ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि NDA की एकजुटता ही बिहार में हमेशा जीत की गारंटी रही है। उन्होंने दावा किया कि यदि गठबंधन हमेशा मजबूत रहता, तो चुनावी परिणाम वही होते जो इस बार आए हैं। उन्होंने 2015 के नतीजों का हवाला देते हुए कहा, “2015 की जीत राजद की नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का उनके साथ जाना था। अगर उस वक्त भी नीतीश कुमार एनडीए गठबंधन का हिस्सा होते तो राजद 20-25 सीटें पार नहीं कर पाती।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि 2020 के विधानसभा चुनाव में यदि वह खुद भी NDA का हिस्सा होते, तब भी परिणाम में कोई बड़ा अंतर नहीं आता।
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‘यह फ्रीबी नहीं, महिला सशक्तिकरण’
महिलाओं के खाते में ₹10,000 दिए जाने के बाद, सरकार द्वारा जल्द ₹2 लाख देने के वादे पर चिराग पासवान ने पूरा भरोसा जताया। उन्होंने कहा, “बिल्कुल उसको भी जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा।” उन्होंने इस योजना को ‘फ्रीबी’ (Freebie) या मुफ्त उपहार कहने पर भी कड़ा एतराज जताया। चिराग ने तर्क दिया, “जिस महिला ने इसका सही उपयोग कर दिया, वह उद्यमी बनकर अपना व्यवसाय शुरू कर पूरे परिवार को आगे बढ़ा सकती है। यह फ्रीबी नहीं है, आप उनको आर्थिक तौर पर सक्षम बना रहे हैं।” उन्होंने इस सरकारी योजना (Government Scheme) को देश के इतिहास की “सबसे खूबसूरत और सशक्त जनकल्याण योजनाओं में से एक” बताया।
बिहार के विकास का रोडमैप
चिराग पासवान ने आगे NDA सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि सरकार की सबसे बड़ी योजना बिहार के हर जिले में उद्योग (Industry) लगाना है। उन्होंने बताया, “हमलोग जिले से शुरुआत करेंगे। इवेंचुअली प्रखंड तक जाएंगे, पंचायत तक पहुंचेंगे और यह व्यवस्था तैयार होगी।” उन्होंने विश्वास जताया कि इस योजना से रोजगार के बड़े अवसर पैदा होंगे और बिहार की अर्थव्यवस्था को नई मजबूती मिलेगी।
चिराग पासवान का बड़ा बयान
चुनाव के दौरान उपमुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही चर्चाओं पर चिराग पासवान ने विराम लगा दिया। उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि वह डिप्टी सीएम की कुर्सी की लालसा कभी नहीं रखते थे। चिराग ने कहा कि एक सांसद वाली पार्टी को 5 सीटें मिलीं, और जीरो विधायक वाली पार्टी को 29 सीटें। ऐसे में, “इसके बाद भी अगर मैं मांगू ही कुछ तो मुझसे बड़ा नाशुक्रा कोई नहीं होगा।” उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने “हनुमान को बिना मांगे सब कुछ दे दिया है”। चिराग ने कहा कि ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ का संकल्प पत्र में शामिल होना और पहली बार सरकार का हिस्सा बनना ही उनके लिए सबसे बड़ी बात है, और इसके बाद कुछ भी मांगना लालच कहलाएगा।
