Chirag Paswan: बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की ऐतिहासिक जीत के बाद लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पार्टी की यात्रा और संघर्ष पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि पार्टी ने कई कठिन दौर देखे हैं—2009 में उनके पिता रामविलास पासवान लोकसभा चुनाव हार गए थे और पार्टी का सदन में कोई प्रतिनिधित्व नहीं बचा था। इसके बावजूद पार्टी ने निरंतर मेहनत करते हुए आगे बढ़ने का संकल्प लिया। चिराग के अनुसार, “लोकसभा चुनाव में हमने सौ प्रतिशत स्ट्राइक रेट हासिल कर साबित किया कि कठिनाइयां हमें रोक नहीं सकतीं।”
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कठिन दौर में चुनाव लड़ने की बात
इसी कड़ी में आगे चिराग पासवान ने याद दिलाया कि 2020 का बिहार विधानसभा चुनाव उन्होंने अकेले लड़ा था। कोविड-19 के कठिन समय में उनके पिता अस्पताल में भर्ती थे और वह पटना तक नहीं पहुंच पाए थे, फिर भी उन्होंने पीछे हटने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि “कई लोगों ने मेरा मजाक उड़ाया, लेकिन मैं संतुष्ट था क्योंकि मैंने हार मानने के बजाय संघर्ष को चुना।”
उन्होंने दावा किया कि उस चुनाव में पार्टी ने 6 प्रतिशत वोट हासिल कर यह साबित किया कि जनता उनके प्रयासों पर भरोसा करती है। चिराग ने कहा कि अगर वे 2024 में पांच सांसदों की जीत के बाद निष्क्रिय हो जाते, तो यह उनके राजनीतिक पतन की शुरुआत होती, लेकिन उन्होंने लगातार काम किया।
तीन महत्वपूर्ण निर्णयों की घोषणा की।
- पहला—LJP(R) 28 नवंबर को अपना स्थापना दिवस भव्य रूप से मनाएगी, जिसकी विस्तृत जानकारी बाद में जारी की जाएगी।
- दूसरा—नव वर्ष की शुरुआत से पार्टी बिहार की व्यापक यात्रा शुरू करेगी, जिसके तहत विधायक और नेता जनता से सीधे संवाद कर उनकी समस्याएं सुनेंगे और समाधान पर काम करेंगे।
- तीसरा—उन्होंने कहा कि पार्टी की पुरानी धरोहर ‘दलित सेना’, जिसे वर्षों पहले अलग कर दिया गया था, पुनः गठित की जाएगी। इसे ‘दलित सेना रामविलास’ नाम से फिर सक्रिय किया जाएगा और इसकी जिम्मेदारी सांसद अरुण भारती को सौंपी गई है।
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संगठन विस्तार की नई रणनीति
चिराग पासवान ने स्पष्ट किया कि दलित सेना पार्टी की ऐतिहासिक धरोहर है और इसे पार्टी से अलग रखना स्वीकार्य नहीं। उन्होंने कहा कि संगठन के पुनर्गठन से जमीनी स्तर पर दलित समुदाय से संवाद मजबूत होगा और पार्टी की पकड़ और सुदृढ़ होगी।
तेजस्वी यादव पर बोला हमला
प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में चिराग ने तेजस्वी यादव पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि “राष्ट्रीय जनता दल की दूसरी पीढ़ी में अब तक काबिलियत विकसित नहीं हुई है। जब तक उनके माता-पिता नेतृत्व में थे, पार्टी मजबूत थी, लेकिन तेजस्वी के नेतृत्व में लगातार करारी हार मिली है।”चिराग पासवान ने जोड़ा कि कठिन परिस्थितियों में संघर्ष ही नेता की पहचान बनाता है, और यदि कोई संघर्ष से पीछे हटता है तो उसकी क्षमता पर सवाल उठना स्वाभाविक है।

