Cloudburst In Kishtwar: जम्मू के किश्तवाड़ जिले के चशोती इलाके में गुरुवार को अचानक बादल फटने की भयावह घटना हुई। इस प्राकृतिक आपदा में 30 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है जबकि 100 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। घटना के बाद इलाके में बाढ़ की स्थिति बन गई, और प्रशासन राहत एवं बचाव कार्य में जुटा है।
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केंद्रीय मंत्री ने लिया घटनास्थल से अपडेट
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि उन्हें जम्मू-कश्मीर के नेता प्रतिपक्ष और स्थानीय विधायक सुनील कुमार शर्मा से बादल फटने की जानकारी मिली। इसके बाद उन्होंने किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा से संपर्क कर स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रशासन तुरंत सक्रिय हो गया है और बचाव दल घटनास्थल की ओर रवाना कर दिए गए हैं।
विधायक सुनील शर्मा ने जताई गंभीर चिंता
किश्तवाड़ के विधायक सुनील शर्मा ने कहा कि चशोती इलाके में भारी नुकसान होने की आशंका है। उन्होंने बताया कि अभी तक कोई ठोस आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, लेकिन बचाव अभियान तेज़ किया जा रहा है। उन्होंने उपराज्यपाल से एनडीआरएफ टीम की मांग करने का भी संकेत दिया।
उपायुक्त ने राहत अभियान की जानकारी दी
किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज शर्मा ने बताया कि अचानक बाढ़ मचैल माता यात्रा के प्रारंभिक बिंदु पर आई है। उन्होंने राहत और बचाव अभियान तुरंत शुरू कर दिया है और प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम जारी है।
उपराज्यपाल ने दी संवेदनाएं और राहत के निर्देश
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल कार्यालय ने कहा कि वे चशोती इलाके में हुई घटना से व्यथित हैं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की गई हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की गई है। अधिकारियों को प्रभावितों को हर संभव सहायता देने और राहत अभियान को तेज़ करने के निर्देश दिए गए हैं।
मौसम विभाग ने भविष्य के लिए चेतावनी जारी की
श्रीनगर मौसम केंद्र ने चेताया है कि अगले 4-6 घंटों में जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश, गरज और तेज हवाओं के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। कुपवाड़ा, बारामूला, बांदीपोरा, श्रीनगर, गांदरबल, बडगाम, पुंछ, राजौरी, रियासी, उधमपुर, डोडा और किश्तवाड़ के पहाड़ी इलाकों में बादल फटने, भूस्खलन और बाढ़ की संभावना है।
सावधानी के निर्देश और जलाशयों में गतिविधियों पर रोक
मौसम विभाग ने लोगों से ढीली संरचनाओं, बिजली के खंभों और पेड़ों से दूर रहने की सलाह दी है। वुलर झील, डल झील और अन्य जलाशयों में नौका विहार और शिकाराओं जैसी गतिविधियों को स्थगित करने के लिए भी निर्देश जारी किए गए हैं।
उत्तराखंड में हाल की आपदाओं की याद दिलाई
इससे पहले 5 अगस्त को उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली में बादल फटने की घटना हुई थी। तब 68 लोग लापता हुए थे और कई होटल, मकान और होमस्टे बर्बाद हो गए थे। खोजी कुत्तों की मदद से लगातार राहत अभियान चल रहा है और प्रभावित क्षेत्रों से 1,300 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।
राष्ट्रीय और स्थानीय राहत अभियान तेज
जम्मू-कश्मीर में भी प्रशासन, सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ संयुक्त रूप से बचाव कार्य कर रहे हैं। प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करने का कार्य जारी है।

