Kishtwar Cloudburst: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ चशोती में बादल फटने से मचा हड़कंप, बचाव अभियान जारी

Chandan Das
jammu Kashmir

Kishtwar Cloudburst: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चशोती इलाके में बुधवार देर रात भीषण बादल फटने (Cloudburst) की घटना सामने आई है, जिससे इलाके में अचानक बाढ़ और संभावित जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। प्रशासन तेजी से राहत और बचाव कार्यों में जुटा हुआ है।

केंद्रीय मंत्री और स्थानीय नेताओं की सक्रियता

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि उन्हें नेता प्रतिपक्ष और किश्तवाड़ के विधायक सुनील कुमार शर्मा से एक जरूरी संदेश प्राप्त हुआ, जिसके बाद उन्होंने तुरंत जिले के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा से संपर्क किया। उन्होंने कहा कि, “चशोती क्षेत्र में भीषण बादल फटने से जनहानि की आशंका है। बचाव दल तुरंत मौके पर रवाना कर दिए गए हैं और हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।” डॉ. जितेंद्र सिंह ने आगे कहा कि उनका कार्यालय लगातार स्थिति की निगरानी कर रहा है और प्रशासन के साथ समन्वय में काम कर रहा है।

विधायक सुनील शर्मा का बयान

विधायक सुनील शर्मा ने मीडिया से बातचीत में कहा, “किश्तवाड़ में भारी नुकसान की आशंका है। हम खुद मौके पर पहुंच रहे हैं ताकि स्थिति का जायजा लिया जा सके और पीड़ितों को त्वरित सहायता मिल सके।” किश्तवाड़ के डीसी पंकज शर्मा ने पुष्टि की कि चशोती, जो मचैल माता यात्रा का प्रारंभिक बिंदु है, वहां अचानक बाढ़ आ गई है। उन्होंने बताया कि “बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है और प्रशासन पूरी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।”

मौसम विभाग की चेतावनी

श्रीनगर मौसम केंद्र ने अगले 4-6 घंटों के दौरान जम्मू-कश्मीर के कई जिलों में मध्यम से भारी बारिश, गरज, बिजली और तेज हवाओं की संभावना जताई है। जिन जिलों को संभावित खतरे की श्रेणी में रखा गया है उनमें शामिल हैं: कुपवाड़ा, बारामूला,बांदीपोरा,श्रीनगर,गांदरबल,बडगाम,पुंछ,राजौरी,रियासी,उधमपुर,डोडा,किश्तवाड़, इन क्षेत्रों में बादल फटने, भूस्खलन, अचानक बाढ़ और पत्थर गिरने की घटनाओं की आशंका जताई गई है।

लोगों के लिए एडवाइजरी

पुरानी और ढीली संरचनाओं, बिजली के खंभों, तारों, और पेड़ों से दूर रहने की सलाह दी गई है।वुलर झील, डल झील और अन्य जलाशयों में शिकारा सवारी और नौका विहार जैसी गतिविधियों को स्थगित करने की अपील की गई है। किश्तवाड़ के चशोती में बादल फटने की यह घटना मानसून के दौरान जम्मू-कश्मीर में आने वाली प्राकृतिक आपदाओं की गंभीरता को दर्शाती है। राहत-बचाव अभियान तेज़ी से जारी है और प्रशासन, सेना तथा आपदा प्रबंधन टीम मिलकर हालात को नियंत्रित करने में जुटे हैं।

Read More : Independence Day 2025: 15 अगस्त के दिन घूमने का बना रहे हैं प्लान? तो दिल्ली के इन जगहों का करें टूर…

Share This Article

अपना शहर चुनें

Exit mobile version