UP News: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार पर जमकर हमला बोला है। अखिलेश यादव ने सवाल उठाया कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार में शराब और नशा क्यों तेजी से फैल रहा है। उन्होंने तंज कसते हुए पूछा, “क्या यही सरकार की मुख्य प्राथमिकता है?”
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शराब के ठेकों को लेकर न्यूयॉर्क-कैलिफोर्निया से तुलना
अखिलेश यादव ने एक ग्राफ़ के जरिए दावा किया कि शराब के ठेकों की संख्या के मामले में उत्तर प्रदेश ने अमेरिका के न्यूयॉर्क और कैलिफोर्निया जैसे बड़े राज्यों को भी पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि एक ओर जहां प्रदेश में स्कूल बंद किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर शराब की दुकानों को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है।
“भाजपा सरकार में क्यों फल-फूल रहा है नशा?”
सपा अध्यक्ष ने कहा कि नशे की प्रवृत्ति का विस्तार किसी भी समाज के लिए घातक है और यह परिवारों को तोड़ता है। उन्होंने तंज कसते हुए लिखा, “इसकी गहरी जांच-पड़ताल हो कि ‘नशा’ उप्र भाजपा सरकार की ‘मुख्य प्राथमिकता’ क्यों है? शराब हो या नशे का कोई और रूप, भाजपा सरकार में वो तीव्र गति से क्यों फलफूल रहा है? नशा परिवार तोड़ता है लेकिन ये बात परिवारवाले ही समझ सकते हैं।”
“अनुपयोगी सरकार” की संज्ञा दी
अखिलेश यादव ने योगी सरकार को “अनुपयोगी सरकार” बताते हुए आरोप लगाया कि इस सरकार ने उत्तर प्रदेश को शराब के ठेकों में अमेरिका के समृद्ध राज्यों से भी आगे कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार स्कूलों के मुकाबले शराब की दुकानों को अधिक तवज्जो दे रही है, जो समाज और युवाओं के भविष्य के लिए बेहद चिंताजनक है।
स्कूलों के मर्जर पर भी उठाए सवाल
अखिलेश यादव ने प्रदेश में बड़ी संख्या में स्कूलों के मर्जर किए जाने पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि सरकार उन स्कूलों को बंद कर रही है जहां छात्रों की संख्या अपेक्षाकृत कम है। इस फैसले का समाजवादी पार्टी पुरजोर विरोध कर रही है।
सपा चला रही है ‘पीडीए पाठशाला’ अभियान
स्कूलों के मर्जर के विरोध में समाजवादी पार्टी ने प्रदेशभर में बंद किए गए स्कूलों के सामने ‘पीडीए पाठशाला’ चलाने की मुहिम शुरू की है। इस अभियान को लेकर भी सियासी हलचल तेज है। सपा का कहना है कि सरकार शिक्षा के बजाय शराब को बढ़ावा दे रही है, जो कि एक गंभीर सामाजिक संकट का संकेत है।
राजनीतिक हमलों का सिलसिला जारी
गौरतलब है कि अखिलेश यादव अक्सर प्रदेश के मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार पर हमलावर रहते हैं। चाहे शिक्षा हो या स्वास्थ्य, सपा अध्यक्ष भाजपा की नीतियों को जनता विरोधी बताते हुए लगातार सवाल खड़े कर रहे हैं। नशे और शराब के मुद्दे पर यह हालिया हमला भी उसी कड़ी का हिस्सा है।
समाजवादी पार्टी द्वारा उठाए गए ये सवाल आने वाले समय में यूपी की राजनीति को और गर्मा सकते हैं, खासकर तब जब शिक्षा जैसे संवेदनशील विषय को शराब की दुकानों की बढ़ती संख्या से जोड़ कर देखा जा रहा है।
