कुपवाड़ा में दुश्मनों को ढूंढ निकालेंगे कोबरा कमांडो…

Shankhdhar Shivi

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कोबरा कमांडो के पहले बैच को कुपवाड़ा में तैनात किया गया है। जंगल और पहाड़ों में छुप कर सुरक्षा बलों पर आतंकियों के हमले करने के तरीकों पर COBRA खास नजर रख रही है।

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कोबरा कमांडो के पहले बैच ने जम्मू-कश्मीर के जंगलों में प्रशिक्षण पूरा कर लिया है, और कुपवाड़ा में तैनात किया गया है। बता दें कि 2009 में कमांडो बटालियन फॉर रेजोल्यूट एक्शन (CoBRA) को माओवादी विद्रोहियों पर काबू पाने और उनसे लड़ने के लिए बनाया गया था। इसे पहली बार मध्य और पूर्वी भारत से हटाकर जम्मू-कश्मीर भेजा गया है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि सीआरपीएफ की कोबरा कमांडो फोर्सेज की खास यूनिट को जम्मू कश्मीर भेजा गया है। जंगल और पहाड़ों में छुप कर सुरक्षा बलों पर आतंकियों के हमले करने के तरीकों पर कोबरा खास नजर रख रही है। आतंकियों के खिलाफ अगर ऑपरेशन की जरूरत पड़ी तो उसके लिए वहां मौजूद फोर्सेज की वह मदद भी करेगी।

4 जवान शहीद…

बता दें, जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग एनकाउंटर में अब तक 4 जवान शहीद हो गए है। इससे पहले अनंतनाग एनकाउंटर में राष्ट्रीय राइफल्स (RR) यूनिट के कमांडिंग कर्नल मनप्रीत सिंह, राष्ट्रीय राइफल्स के मेजर आशीष और जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं भट्ट गंभीर रूप से घायल हुए थे। इसके बाद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान तीनों वीरगति को प्राप्त हुए।

जंगलों में लड़ने की महारत है हासिल…

पिछले कुछ दिनों से आतंकी जम्मू कश्मीर के जंगलों और पहाड़ो में छिपकर सुरक्षा बलों पर हमला कर रहे हैं। जंगलों में लड़ाई लड़ने की महारत कोबरा कमांडो को हासिल है, इसलिए इनको जम्मू कश्मीर के जंगलों में इस्तेमाल किया जा सकता है। कोबरा नक्सलियों से निपटने के लिए Specialised Force है। मिली जानकारी के मुताबिक, कोबरा की कुछ कंपनियों को बिहार और झारखंड से आंशिक रूप से हटा दिया गया था।

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कर्नल मनप्रीत कर रहे थे नेतृत्व…

सेना के एक अधिकारी ने बताया कि मंगलवार शाम गडोले इलाके में आतंकवादियों के खिलाफ यह ऑपरेशन शुरू हुआ था। लेकिन रात में ऑपरेशन को बंद कर दिया गया। इसके बाद सुबह फिर से आतंकवादियों की तलाशी शुरु हुई। इस बीच सूचना मिली कि एक ठिकाने पर आतंकियों को देखा गया है। इसके बाद कर्नल मनप्रीत सिंह के नेतृत्व में सुरक्षाबलों की टीम ने आतंकियों पर हमला बोल दिया। हालांकि, इस दौरान आतंकियों ने उन पर अंधाधुंध गोलीबारी कर दी जिसमें तीन अधिकारी शहीद हो गए। इस एनकाउंटर में सुरक्षाबलों ने दो आतंकवादियों को ढेर किया है फिलहाल पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है।

अक्टूबर 2009 में जब कई नक्सली हमले हुए थे तो तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने माओवादियों को भारत का सबसे बड़ा आंतरिक सुरक्षा ख़तरा बताया था। उससे कुछ महीने पहले, सितंबर 2008 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सीआरपीएफ में 10 अतिरिक्त बटालियनों के निर्माण के साथ एक अलग बल के निर्माण को मंजूरी दी थी।

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