Congress AI Video: कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का AI-जनित वीडियो जारी कर राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। इस बार के वीडियो में पीएम मोदी और मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के बीच एक काल्पनिक बातचीत को दिखाया गया है, जिसमें चुनाव आयोग से राहुल गांधी को ‘मदद मिलने’ की चर्चा की गई है। यह वीडियो कांग्रेस के आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर साझा किया गया है और तेजी से वायरल हो रहा है।
क्या है वीडियो में?
कुल 44 सेकंड के इस AI वीडियो में पीएम मोदी को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार से यह पूछते हुए दिखाया गया है कि “राहुल गांधी इतने खुलासे कैसे कर रहे हैं?” इसके जवाब में ज्ञानेश कुमार हड़बड़ाते हैं और पीएम को ‘मालिक’ कहकर संबोधित करते हैं। इस दौरान एक व्यक्ति कमरे में आकर टीवी ऑन करता है, जिसमें राहुल गांधी कहते दिखते हैं:“मोदी जी सोचते हैं कि सब बिकाऊ हैं, लेकिन आज भी कुछ ईमानदार लोग लोकतंत्र को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। चुनाव आयोग में भी कुछ लोग हमारी मदद कर रहे हैं।”यह सुनते ही पीएम मोदी चौंक जाते हैं और ज्ञानेश कुमार की तरफ देखते हैं, जो तुरंत कमरे से गायब हो जाते हैं।
चुनाव आयोग के अंदर हमारे लोग हैं
अब वोट चोरों की खैर नहीं pic.twitter.com/9NxJ8T6hNt
— Congress (@INCIndia) September 22, 2025
वीडियो के आखिरी हिस्से में दिखाया गया है कि ज्ञानेश कुमार पीएमओ से भागते हुए निकलते हैं और कहते हैं:“मुझे लगता था कि अपने स्टाफ पर दबाव बनाकर मोदी जी का खेल रच दूंगा, लेकिन अब मेरी लंका लगवा दी गई। अब हाईड्रोजन बम आएगा, तो मैं मुंह दिखाने लायक नहीं रहूंगा।”
राहुल गांधी का बयान बना था आधार
यह वीडियो तब सामने आया है जब कुछ दिन पहले राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि उन्हें चुनाव आयोग के अंदर से जानकारी मिल रही है, जिससे वे वोट चोरी जैसे गंभीर मामलों का खुलासा कर पा रहे हैं। इसके बाद राजनीतिक गलियारों में सवाल उठने लगे कि चुनाव आयोग के भीतर कौन लोग राहुल गांधी की मदद कर रहे हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और कानूनी बहस
हालांकि कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि यह वीडियो व्यंग्यात्मक और प्रतीकात्मक रूप से तैयार किया गया है, लेकिन भाजपा और चुनाव आयोग की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। जानकारों का मानना है कि इस तरह के AI वीडियो राजनीतिक व्यंग्य का एक नया माध्यम बन रहे हैं, लेकिन इससे भ्रम और विवाद की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है।
सोशल मीडिया पर बवाल
वीडियो के सामने आते ही सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। जहां कांग्रेस समर्थक इसे सत्ता के खिलाफ सच्चाई दिखाने वाला व्यंग्य बता रहे हैं, वहीं भाजपा समर्थक इसे फर्जी प्रचार और जनता को गुमराह करने वाला हथियार कह रहे हैं।इस AI वीडियो ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि चुनाव के समय डिजिटल माध्यमों और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का दुरुपयोग कहां तक जायज़ है। साथ ही, यह बहस भी तेज हो गई है कि क्या इस तरह के पॉलिटिकल डीपफेक वीडियो लोकतंत्र को मजबूत करेंगे या कमजोर?
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