Congress Slams Modi: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयान ने भारत की विदेश नीति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वैश्विक छवि पर नई बहस छेड़ दी है। ट्रंप के इस दावे के बाद कि पीएम मोदी ने उन्हें रूस से तेल न खरीदने का आश्वासन दिया है, विपक्षी दल कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला है।
ट्रंप के बयान से मचा सियासी भूचाल
नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर देश के सम्मान का सौदा कर दिया।
ट्रंप का कहना है- उनकी नाराजगी और धमकियों से डरकर मोदी ने आश्वासन दिया कि भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा।
एक बात साफ है – नरेंद्र मोदी कमजोर प्रधानमंत्री हैं और उनकी हरकतों ने देश की विदेश नीति को चौपट कर दिया है।… pic.twitter.com/6kFkMi7gGm
— Congress (@INCIndia) October 16, 2025
गुरुवार को व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “भारत के रूस से तेल खरीदने से मुझे खुशी नहीं थी, लेकिन आज प्रधानमंत्री मोदी ने मुझे आश्वासन दिया कि वे रूस से तेल नहीं खरीदेंगे।” इस बयान के बाद कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर पीएम मोदी को “कमज़ोर प्रधानमंत्री” बताते हुए कहा कि उन्होंने देश के सम्मान और विदेश नीति के मूल सिद्धांतों से समझौता किया है।
PM Modi is frightened of Trump.
1. Allows Trump to decide and announce that India will not buy Russian oil.
2. Keeps sending congratulatory messages despite repeated snubs.
3. Canceled the Finance Minister’s visit to America.
4. Skipped Sharm el-Sheikh.
5. Doesn’t contradict him…
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 16, 2025
कांग्रेस ने ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:“नरेंद्र मोदी ट्रंप की नाराजगी और धमकियों से डर गए। उन्होंने भारत-रूस के पुराने रणनीतिक रिश्तों की अनदेखी कर अमेरिका को खुश करने के लिए तेल खरीद बंद करने का वादा कर दिया। क्या अब विदेशी नेताओं की नाराजगी पर भारत की नीति तय होगी?”
राहुल गांधी के तीखे सवाल
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी से सीधे 5 सवाल पूछे:
ट्रंप को भारत की ओर से तेल न खरीदने की घोषणा करने की इजाज़त क्यों दी?
बार-बार की अनदेखी के बावजूद ट्रंप को बधाई क्यों दी जाती है?
वित्त मंत्री की अमेरिका यात्रा अचानक क्यों रद्द की गई?
PM शर्म अल-शेख सम्मेलन में क्यों नहीं शामिल हुए?
ऑपरेशन सिंदूर पर ट्रंप के विरोध का सरकार ने क्या जवाब दिया?
राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी अमेरिकी दबाव के आगे झुक गए हैं और इससे भारत की वैश्विक छवि कमजोर हुई है।
रूस से संबंधों पर उठे सवाल
भारत दशकों से रूस के साथ ऊर्जा, रक्षा और रणनीतिक मामलों में गहरे रिश्ते रखता आया है। रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत ने अब तक ‘राष्ट्रीय हित’ का हवाला देते हुए अंतरराष्ट्रीय दबाव को नज़रअंदाज़ किया है। लेकिन अब ट्रंप के बयान से सवाल उठ रहे हैं कि क्या भारत ने अमेरिकी दबाव में झुकाव दिखाया है?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ट्रंप का दावा सही है, तो यह भारत की स्वतंत्र विदेश नीति के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है। वहीं अमेरिका पहले ही रूस से तेल खरीद पर आपत्ति जताते हुए भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगा चुका है, जिसे हटाने की संभावना रूस से आयात में कटौती पर निर्भर बताई गई है।
सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार
फिलहाल केंद्र सरकार या प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन विपक्ष के आक्रामक रुख और जनता के बीच उठते सवालों को देखते हुए आने वाले दिनों में इस पर स्पष्टीकरण दिया जा सकता है।
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